Chaitanya Swarup Hi Atma Hai
आत्मानुभूति चैतन्य स्वरूप ही आत्मा है यह शुद्ध देह का शासक है, अन्तःस्थित वही शाश्वत है आत्मा शरीर को मान लिया, मिथ्या-विचार अज्ञान यही यह देह मांसमय अपवित्र और नाशवान यह ज्ञान सही है इच्छाओं का तो अन्त नहीं, मन में जिनका होता निवास मृग-तृष्णा के ही तो सदृश, मानव आखिर होता निराश यह राग […]
Chaitanya Maha Prabhu Ki Jay Jay
चैतन्य महाप्रभु चैतन्य महाप्रभु की जय जय, जो भक्ति भाव रस बरसाये वे विष्णुप्रिया के प्राणनाथ, इस धरा धाम पर जो आये वे शचीपुत्र गौरांग देव प्रकटे, सबके मन हर्षाये हे देह कान्ति श्री राधा सी, जो भक्तों के मन को भाये रस के सागर चैतन्य देव, श्री गौर चन्द्र वे कहलाये आसक्ति शून्य वह […]