Bana Do Vimal Buddhi Bhagwan
विमल बुद्धिबना दो विमल बुद्धि भगवान् तर्कजाल सारा ही हर लो, हरो द्वेष अभिमान हरो मोह, माया, ममता, मद, मत्सर, अपना जान कलुष काम-मति, कुमति हरो हरि, हरो त्वरित अज्ञान दम्भ, दोष, दुर्नीति हरण कर, करो सरलता दान भरदो हृदय भक्ति-श्रद्धा से, करो प्रेम का दान
Samarpan Karun Buddhi Bal Mera
भीष्मजी द्वारा स्तवन समर्पण करूँ बुद्धि बल मेरा और न कुछ भी दे पाऊँ प्रभु, जो भी है वह तेरा मेरा मन आबद्ध जगत् में, घट घट के प्रभु वासी दो प्रबोध हे त्रिभुवन-सुन्दर! वृन्दावन के वासी पंकज-नयन, तमाल-वर्ण, आवृत अलकावली मुख पे पीत वसन रवि-किरणों के सम, शोभित श्यामल तन पे अनुपम शोभा कुरुक्षेत्र […]