Man Pachite Hai Avsar Bite
नश्वर माया मन पछितै है अवसर बीते दुरलभ देह पाइ हरिपद भजु, करम, वचन अरु हीते सहसबाहु, दसवदन आदि नृप, बचे न काल बलीते हम-हम करि धन-धाम सँवारे, अंत चले उठि रीते सुत-बनितादि जानि स्वारथ रत, न करू नेह सबही ते अंतहुँ तोहिं तजैंगे पामर! तू न तजै अब ही ते अब नाथहिं अनुरागु, जागु […]
Din Yu Hi Bite Jate Hain Sumiran Kar Le Tu Ram Nam
नाम स्मरण दिन यूँ ही बीते जाते हैं, सुमिरन करले तूँ राम नाम लख चौरासी योनी भटका, तब मानुष के तन को पाया जिन स्वारथ में जीवन खोया, वे अंत समय पछताते हैं अपना जिसको तूँने समझा, वह झूठे जग की है माया क्यों हरि का नाम बीसार दिया, सब जीते जी के नाते हैं […]
Din Vyartha Hi Bite Jate Hain
चेतावनी दिन व्यर्थ ही बीते जाते हैं जिसने मानव तन हमें दिया, उन करुणा निधि को भुला दिया जीवन की संध्या वेला में हम ऐसे ही पछताते हैं घर पुत्र मित्र हे भाई मेरा, माया में इतना उलझ गया धन हो न पास, जर्जर शरीर, ये कोई काम न आते हैं दुनियादारी गोरख धंधा, आकण्ठ […]