Bichure Syam Bahut Dukh Payo
बिछोह बिछुरे स्याम बहुत दुख पायौ दिन-दिन पीर होति अति गाढ़ी, पल-पल बरष बिहायौ व्याकुल भई सकल ब्रज-वनिता, नैक संदेस न पायो ‘सूरदास’ प्रभु तुम्हरे मिलन कौ, नैनन अति झर लायौ
बिछोह बिछुरे स्याम बहुत दुख पायौ दिन-दिन पीर होति अति गाढ़ी, पल-पल बरष बिहायौ व्याकुल भई सकल ब्रज-वनिता, नैक संदेस न पायो ‘सूरदास’ प्रभु तुम्हरे मिलन कौ, नैनन अति झर लायौ