Anand Adhik Hai Bhakti Main
भक्ति-भाव आनन्द अधिक है भक्ति में आकर्षण ऐसा न त्याग में, योग, ज्ञान या यज्ञों में गोदी में बैठ यशोदा के, जो माँ का मोद बढ़ाते वे बिना बुलाये प्रायः ही, पाण्डव के घर प्रभु आते रुक्मिणी के हित व्याकुल इतने, सो नहीं रात्रि में पाते वे लगते गले सुदामा के तो अश्रु प्रवाहित होते […]
Jo Nishchal Bhakti Kare
शिव आराधना जो निश्छल भक्ति करे उसको, भोले शम्भू अपना लेते वे धारण करें रजोगुण को, और सृष्टि की रचना करते होकर के युक्त सत्त्वगुण से, वे ही धारण पोषण करते माया त्रिगुणों से परे प्रभु, शुद्ध स्वरूप स्थित होते ब्रह्मा, विष्णु, अरु, रुद्र, रूप, सृष्टि, पालन,लय वहीं करें हैं पूर्ण ब्रह्म प्रभु आशुतोष, अपराध […]
Shri Vrindavan Bhakti Ka
श्री वृन्दावन महिमा श्रीवृन्दावन भक्ति का, अनुपम रसमय धाम महिमा अपरम्पार है, कण कण राधे श्याम वृन्दावन अनुराग का, केन्द्र श्रेष्ठ सुख-वास यमुनाजी के पुलिन पर, श्याम रचाये रास नाम, धाम, लीला सभी, श्रीहरि के ही रूप ब्रज चौरासी कोस में, वृन्दा-विपिन अनूप श्रीवृन्दावन कुंज में, विहरें श्यामा श्याम क्रीड़ा नित नूतन करें, सुखद रूप […]