Bhajo Re Bhaiya Ram Govind Hari
हरि कीर्तन भजो रे भैया राम गोविन्द हरी जप तप साधन कछु नहिं लागत, खरचत नहिं गठरी संतति संपति सुख के कारण, जासे भूल परी कहत ‘कबीर’ राम नहिं जा मुख, ता मुख धुल भरी
Bhajo Man Nish Din Shyam Sundar
नाम-स्मरण भजो मन निश-दिन श्यामसुन्दर, सुख-सागर भजो श्री राधावर सकल जगत् के जीवन-धन प्रभु करत कृपा अपने भक्तों पर ब्रज सुन्दरियों से सेवित जो, नव नीरद सम वर्ण मनोहर त्रिभुवन-मोहन वेष विभूषित, शोभा अतुलित कोटि काम हर तरु कदम्ब तल यमुना तट पे, मुरली में भरते मीठा स्वर चरण-कमल में नूपुर बाजत, कटि धारे स्वर्णिम […]
Bhajo Re Man Shri Radha Govind
नाम स्मरण भजो रे मन श्री राधा गोविंद जन-मन को निज-धन-मनमोहन, पूरन परमानंद जीवन के जीवन वे तेरे, तू चकोर वे चन्द कैसे तिनहिं बिसारि भयो तूँ, मोह मुग्ध मतिमन्द चेत-चेत रे अब तो मूरख, छोड़ सबहिं छल-छन्द सब तज भज मोहन को प्यारे, यहीं पंथ निर्द्वंद