Sune Ri Maine Nirbal Ke Balram
शरणागति सुने री मैंने निरबल के बल राम पिछली साख भरूँ संतन की, आइ सँवारे काम जब लगि गज बल अपनो बरत्यो, नेक सर्यो नहिं काम निरबल ह्वै हरि नाम पुकार्यो, आये आधे नाम द्रुपद-सुता निरबल भई ता दिन, तजि आये निज धाम दुःशासन की भुजा थकित भई, बसन रूप भये स्याम अप-बल, तप-बल और […]