Ari Sakhi Rath Baithe Giridhari
रथ-यात्रा अरी सखि रथ बैठे गिरिधारी राजत परम मनोहर सब अँग, संग राधिका प्यारी मणि माणिक हीरा कुन्दन से, डाँडी चार सँवारी अति सुन्दर रथ रच्यो विधाता, चमक दमक भी भारी हंस गति से चलत अश्व है, उपजत है छबि न्यारी विहरत वृन्दावन बीथिन में, ‘परमानन्द’ बलिहारी
Aaj Sakhi Rath Baithe Nandlal
रथ-यात्रा आज सखी, रथ बैठे नंदलाल अति विचित्र पहिरे पट झीनो,उर सोहत वन-माल वामभाग वृषभानु-नंदिनी, पहिर कसूंभी सारी तैसोई घन उमड्यो चहुँ दिशि, गरजत है अति भारी सुन्दर रथ मणि-जटित मनोहर, अनुपम है सब साज चपल तुरंग चलत धरणी पे, रह्यो घोष सब गाज ताल पखावज बीन बाँसुरी, बाजत परम रसाल ‘गोविंददास’ प्रभु पे बरखत, […]
Nishchint Huve Baithe Na Raho
प्रबोधन निश्चिंत हुए बैठे न रहो शाश्वत जीवन यहाँ किसका है, पैदा होए वे मरते भी दिन कभी एक से नहीं रहे, इसका विचार तुम करो अभी जब जन्म दिवस आता है तो, खुशियाँ सब लोग मनाते हैं कम वर्ष हो गये जीवन के, समझे जो नहीं पछताते हैं
Purushartha Karo Baithe Na Raho
पुरुषार्थ पुरुषार्थ करो, बैठे न रहो जो सोच-विचार करे उद्यम, ईश्वर का नाम हृदय आये भाग्योदय हो ऐसे जन का, सार्थक जीवन तब हो जाये उत्साहित हो जो कार्य करे, जीविकोपार्जन कर पाये ऐसे ही ठाला बैठ रहे, वह तो आखिर में पछताये वरदान प्रभु का मनुज देह, जो सदुपयोग नहीं कर पाये वह रहे […]
Baithe Hari Radha Sang
मुरली मोहिनी बैठे हरि राधासंग, कुंजभवन अपने रंग मुरली ले अधर धरी, सारंग मुख गाई मनमोहन अति सुजान, परम चतुर गुन-निधान जान बूझ एक तान, चूक के बजाई प्यारी जब गह्यो बीन, सकल कला गुन प्रवीन अति नवीन रूप सहित, तान वही सुनाई ‘वल्लभ’ गिरिधरनलाल, रीझ कियो अंकमाल कहन लगे नन्दलाल, सुन्दर सुखदाई