Sakhi Ye Badbhagi Hai Mor
बड़भागी नंद यशोदा सखी! ये बड़भागी हैं मोर जेहि पंखन को मुकुट बन्यो है धर लियो नंद किशोर बड़ भागी अति नंद यशोदा, पुण्य किये भर जोर शिव विरंचि नारद मुनि ज्ञानी, ठाड़े हैं कर जोर ‘परमानन्द’ दास को ठाकुर, गोपियन के चितचोर
बड़भागी नंद यशोदा सखी! ये बड़भागी हैं मोर जेहि पंखन को मुकुट बन्यो है धर लियो नंद किशोर बड़ भागी अति नंद यशोदा, पुण्य किये भर जोर शिव विरंचि नारद मुनि ज्ञानी, ठाड़े हैं कर जोर ‘परमानन्द’ दास को ठाकुर, गोपियन के चितचोर