Aur Ansha Avtar Krishna Bhagwan Swayam Hai
परब्रह्म श्री कृष्ण और अंश अवतार कृष्ण भगवान स्वयम् हैं वे मानुस बनि गये, यशोदा नन्द-नँदन हैं सकल भुवन के ईश एक, आश्रय वनवारी मोर मुकुट सिर धारि अधर, मुरली अति प्यारी रस सरबस श्रृंगार के, साक्षात् श्रृंगार हैं जो विभु हैं, आनन्दघन, उन प्रभु की हम शरन हैं
Avtar Hum Shri Raghav Ka
श्रीराम प्राकट्य अवतार हुआ श्री राघव का, तो चैत्र-मास की नवमी थी मौसम सुहावना सुखकारी, तब ऋतु बसंत छवि छाई थी आनन्द विभोर अयोध्या थी, उन्मुक्त तरंगें सरयू की हर्षातिरेक से भरी हुई, यह स्थिति मात कौसल्या की चौथेपन में बेटा पाया, कोसलाधीश को हर्ष हुआ मन चाहीं भेंट मिली सबको, नाचें गायें दें सभी […]
Do Rupon Main Avtar Liya
नर नारायण स्तुति दो रूपों में अवतार लिया नर नारायण को हम नमन करें अंशावतार वे श्री हरि के, बदरीवन में तप वहीं करें वक्षस्थल पर श्रीवत्स चिन्ह चौड़ा ललाट सुन्दर भौंहे दोनों ही वेष तपस्वी में, मस्तक पर घनी जटा सोहें तप से शंकित शचि पति प्रेरित, रति काम वहाँ पर जब आये सामर्थ्य […]
Pragate Shri Vaaman Avtar
वामन अवतार प्रगटे श्री वामन अवतार निरख अदिति मुख करत प्रशंसा, जगजीवन आधार तन श्याम पीत-पट राजत, शोभित है भुज चार कुण्डल मुकुट कंठ कौस्तुभ-मणि, अरु भृगुरेखा सार देखि वदन आनंदित सुर-मुनि, जय-जय निगम उचार ‘गोविंददास’ हरि वामन होके, ठाड़े बलि के द्वार
Bhagwan Buddha Karuna Avtar
भगवान बुद्ध भगवान् बुद्ध करुणावतार वास्तविक भाव जो वेदों का, हम जीवन जिये उस प्रकार जीवों की हत्या के द्वारा, यज्ञों से पूर्ण कामना हो पाखण्ड, दम्भ इनसे न कभी हित कैसे किसका संभव हो हम आड़ धर्म की लेकर के, भटकाते अपने स्वयं को ही दु:ख का कारण ही तो तृष्णा, हो विरक्ति, शांति […]