Apane Ko Sukhi Banaye Ham
अनासक्ति अपने को सुखी बनायें हम कामना पूर्ति जब नहीं होती, तत्काल क्रोध तब आ जाता जब खो देते विवेक तभी, संतुलन नहीं तब रह पाता हम अनासक्त हो कर्म करें, तो अहम् भाव ही मिट जाये प्रभु के हित होए कार्य तभी, कर्तापन भाव न रह पाये होए सहिष्णुता प्रेम भाव, ईर्ष्या व द्वेष […]