Anurag Gopiyon Jaisa Ho
गोपियों की प्रीति अनुराग गोपियों जैसा हो श्रीकृष्ण प्रेम का मूर्तिमान, विग्रह है श्री राधाजी ही महाभाव रूप उनका पावन,राधारानी का प्रेम वही श्री राधा का उद्देश्य यही, बस सुख पहुँचाएँ प्यारे को वे करते प्रेम प्रियाजी से, यह श्रेय श्री कृष्ण बड़प्पन को जीवन में जो कुछ सुख दुख है, हम स्वीकारें सहर्ष उसे […]
Anurag Mai Vardan Mai
भारत माता अनुरागमयी वरदानमयी भारत जननी भारत माता! मस्तक पर शोभित शतदल सा, यह हिमगिरि है शोभा पाता नीलम-मोती की माला सा, गंगा-यमुना जल लहराता वात्सल्यमयी तू स्नेहमयी, भारत जननी भारत माता सूरज की सुनहरी किरणों से गूंथी लेकर के मालाएँ सौंदर्यमयी श्रृंगारमयी, भारत जननी भारत माता तेरे पग पूजन को आतीं, सागर लहरों की […]