Anupranit Vaidik Dharma Kiya
आद्य शंकराचार्य अनुप्राणित वैदिक धर्म किया, श्रद्धा से उनका स्मरण करें वे ज्ञान मूर्ति शंकर ही थे, हम सादर उन्हें प्रणाम करें जब धर्म अवैदिक फैल गया तो ब्रह्मवाद हो गया मन्द अवतरित हुए शंकराचार्य तो श्रुति विरोध का हुआ अंत आचार्य-चरण से सुलभ हमें स्तुतियाँ श्रेष्ठ प्रभु-विग्रह की श्रद्धापूर्वक हम गान करें, हो सुदृढ़ […]
Prani Matra Prabhu Se Anupranit
प्रबोधन प्राणिमात्र प्रभु से अनुप्राणित, जड़ चेतन में छाया सबको अपने जैसा देखूँ, कोई नहीं पराया जिसने राग द्वेष को त्यागा, उसने तुमको पाया दंभ दर्प में जो भी डूबा, उसने तुमको खोया कौन ले गया अब तक सँग में, धरा धाम सम्पत्ति जो भी फँसा मोह माया में, उसको मिली विपत्ति दो विवेक प्रभु […]