Goutam Rishi Patni Ahilya Hi
अहिल्या-उद्धार गौतम ऋषि पत्नि अहिल्या ही, शापित होकर पाषाणहुई श्रीराम चरण स्पर्श मिला, देवी तप-मूर्ति प्रकट भई बड़भागिन प्रभु के चरणों से, होकर अधीर तब लिपट गई बोली- ‘प्रभु मैं तो अभागिन हूँ, जो चरण शरण में हूँ आई मुनिवर ने शाप दिया था जो अनुग्रह का रूप लिया उसने वह दूर हुआ हरि दर्शन […]