Ab Sonp Diya Is Jiwan Ka
समर्पण अब सौंप दिया इस जीवन को, सब भार तुम्हारे हाथों में है जीत तुम्हारे हाथो में और हार तुम्हारे हाथों में मेरा निश्चय बस एक यही, एक बार तुम्हें पा जाऊँ मैं अर्पण कर दूँ दुनिया भर का, सब प्यार तुम्हारे हाथों में जो जग में रहूँ तो ऐसे रहूँ, ज्यों जल में कमल […]
Karo Ab Jaane Ki Taiyari
चेतावनी करो अब जाने की तैयारी साधु संत सम्राट भी जायें, जाते सब संसारी देह तुम्हारी लगी काँपने, अंत काल की बारी ईर्ष्या द्वेष अहं नहीं छूटे, उम्र बिता दी सारी मोह जाल में फँसा रहे मन, वह है व्यक्ति अनारी काम न आये कोई अन्ततः, फिर भी दुनियादारी खाते, चलते सभी समय बस, जपलो […]
Ab Lo Nasani
भजन के पद शुभ संकल्प अब लौं नसानी, अब न नसैंहौं राम-कृपा भव-निसा सिरानी, जागे फिरि न डसैंहौं पायउँ नाम चारु चिंतामनि, उर करतें न खसैंहौं श्याम रूप सुचि रुचिर कसौटी, चित कंचनहिं कसैंहौं परबस जानी हँस्यो इन इंद्रिन, निज बस ह्वै न हँसैंहौं मन मधुकर पन करके ‘तुलसी’, रघुपति पद-कमल बसैंहौं
Tu So Raha Ab Tak Musafir
चेतावनी तूँ सो रहा अब तक मुसाफिर, जागता है क्यों नहीं था व्यस्त कारोबार में,अब भोग में खोया कहीं मोहवश जैसे पतिंगा, दीपक की लौ में जल मरे मतिमान तूँ घर बार में फिर, प्रीति इतनी क्यों करे लालच में पड़ता कीर ज्यों, पिंजरे में उसका हाल ज्यों फिर भी उलझता जा रहा, संसार माया […]
Ab To Pragat Bhai Jag Jani
प्रेमानुभूति अब तो पगट भई जग जानी वा मोहन सों प्रीति निरंतर, क्यों निबहेगी छानी कहा करौं वह सुंदर मूरति, नयननि माँझि समानी निकसत नाहिं बहुत पचिहारी, रोम-रोम उरझानी अब कैसे निर्वारि जाति है, मिल्यो दूध ज्यौं पानी ‘सूरदास’ प्रभु अंतरजामी, उर अंतर की जानी
Ab To Sanjh Bit Rahi Shyam
होली अब तो साँझ बीत रही श्याम, छोड़ो बहियाँ मोरी तुम ठहरे ब्रजराज कुँवरजी, हम ग्वालिन अति भोरी आनंद मगन कहूँ मैं मोहन,अब तो जाऊँ पौरी लाज बचेगी मोरी सास, ननद के चुपके छाने, तुम संग खेली होरी अँगुली पकरत पहुँचो पकरयो और करी बरजोरी हम हैं ब्रज की छोरी मीठी-मीठी तान बजाकर, लेन सखिन […]
Ab Me Nachyo Bahut Gopal
मोह माया अब मैं नाच्यौ बहुत गोपाल काम क्रोध को पहिर चोलनो, कंठ विषय की माल महा मोह के नूपुर बाजत, निन्दा शबद रसाल भरम भर्यो मन-भयो पखावज, चलत कुसंगत चाल तृष्णा नाद करत घट भीतर, नाना विधि दे ताल माया को कटि फैंटा बाँध्यो, लोभ तिलक दियो भाल कोटिक कला काछि दिखराई, जल थल […]
Ab Jago Mohan Pyare
प्रभाती अब जागो मोहन प्यारे मात जसोदा दूध भात लिये, बैठी प्रात पुकारे उठो मेरे मोहन आ मेरे श्याम, माखन मिसरी खारे वन विचरन को गौएँ ठाड़ीं, ग्वाल बाल मिल सारे तुम रे बिन एक पग नहिं चाले, राह कटत सब हारे ना तुम सोये ना मैं जगाऊँ, लोग भरम भये प्यारे दासी ‘मीराँ’ झुक […]
Ab To Nibhayan Saregi Rakh Lo Mhari Laj
शरणागति अब तो निभायाँ सरेगी, रख लो म्हारी लाज प्रभुजी! समरथ शरण तिहारी, सकल सुधारो काज भवसागर संसार प्रबल है, जामे तुम ही जहाज निरालम्ब आधार जगत्-गुरु, तुम बिन होय अकाज जुग जुग भीर हरी भक्तन की, तुम पर उनको नाज ‘मीराँ’ सरण गही चरणन की, पत राखो महाराज
Ab To Hari Nam Lo Lagi
चैतन्य महाप्रभु अब तो हरी नाम लौ लागी सब जग को यह माखन चोरा, नाम धर्यो बैरागी कित छोड़ी वह मोहक मुरली, कित छोड़ी सब गोपी मूँड मुँडाई डोरी कटि बाँधी, माथे मोहन टोपी मात जसोमति माखन कारन, बाँधे जाके पाँव श्याम किसोर भयो नव गौरा, चैतन्य जाको नाँव पीताम्बर को भाव दिखावे, कटि कोपीन […]