Aasakti Jagat Ki Nashta Kare
सत्संग की महिमा आसक्ति जगत् की नष्ट करें, खुल जाता है मुक्ति का द्वार स्वाध्याय, सांख्य व योग, त्याग, प्रभु को प्रसन्न उतने न करें व्रत, यज्ञ, वेद या तीर्थाटन, यम, नियम, प्रभु को वश न करें तीनों युग में सत्संग सुलभ, जो करे प्रेम से नर नारी यह साधन श्रेष्ठ सुगम निश्चित, दे पूर्ण […]