Aaju Meri Vrandawan Main

दधि लूटन आजु मेरी वृन्दावन में दधि लूटी कहाँ मेरो हार कहाँ नक बेसर, कहाँ मोतियन लर टूटी बरजो यशोदा श्यामसुंदर को, झपटत गगरी फूटी ‘सूरदास’ हेरि के जु मिलन को, सर्वस दे ग्वालिन छूटी

Aaju Jugal Var Raas Rachayo

रास लीला आजु जुगल वर रास रचायो, कालिन्दी के कूल री सजनी ब्रह्मा, शिव की मति बौराई, मनसिज के मन सूल री सजनी बिच बिच गोपी श्याम सुशोभित, जनु मुक्ता-मणि माल री सजनी बाजहिं बहु-विधि वाद्य अनूपम, राग रंग ध्वनि मीठी री सजनी भाव भंगि करि नाचहिं गावहिं, उर उमँग्यौ अनुराग री सजनी कटि किंकिनि […]

Aaju In Nayananhi Nirakhe

माधव की मोहिनी आजु इन नयनन्हि निरखे स्याम निकसे ह्वै मेरे मारग तैं, नव नटवर अभिराम मो तन देखि मधुर मुसकाने, मोहन-दृष्टि ललाम ताही छिनते भए तिनहिं के, तन-मन-मति-धन-धाम हौं बिनु मोल बिकी तिन चरनन्हि, रह्यौ न जग कछु काम माधव-पद-पंकज मैं पायौ, मन मधुकर विश्राम