श्रीराम चरित्र
उदात्त चरित श्री राघव का
कर पाये थोड़ा अनुसरण, आदर्श बने जीवन उसका
शील, शक्ति व सदाचार का, संगम प्रभु का जीवन है
वे सत्वादी स्थित-प्रज्ञ, गम्भीर, गुणों के सागर है
श्री राम धर्म के विग्रह ही अन्यत्र जो मिलना दुर्लभ है
आदर्श पुत्र, भ्राता व मित्र पति की भी वे अभिव्यक्ति है
अधर्म, अनैतिकता के विरुद्ध, संघर्ष राम के जीवन में
वे स्नेह, दया, सुख-सागर हैं, बिठलाँय उन्हें मन-मंदिर में