राम आरती
आरती कीजै श्री रघुवर की, मर्यादा पुरुषोत्तम राम की
दशरथ-सुत कौसल्या-नंदन, चंद्र-वदन की शोभा भारी
सुर-मुनि-रक्षक, दैत्य-निकंदन, मर्यादित जीवन असुरारी
स्वर्ण-मुकुट मकराकृत कुण्डल, हीरक-हार छटा उजियारी
भुजा विशाल आभरण अनुपम, भाल तिलक की शोभा न्यारी
सूर्य चन्द्र कोटिक छबि लाजै, स्वर्णिम पीताम्बर कटि धारी
धीर वीर प्रभु जानकीवल्लभ, शिव, ब्रह्मा, ऋषि मुनि बलिहारी
सच्चिदानन्द भगवान् राम हैं, भव-भंजन, जन जन हितकारी