Nath Kaise Bali Ghar Yachan Aaye
वामन अवतार नाथ कैसे बलि घर याचन आये बलिराजा रणधीर महाबल, इन्द्रादिक भय खाये तीन लोक उनके वश आये, निर्भय राज चलाये वामन रूप धरा श्री हरि ने, बलि के यज्ञ सिधाये तीन चरण पृथ्वी दो राजन! कुटिया चाहूँ बनायें बलि ने दान दिया जैसे ही तत्क्षण रूप बढ़ाये तीन लोक में पैर पसारे, बलि […]
Kashyap Aditi Ke Putra Rup
भगवान् वामन कश्यप अदिति के पुत्र रूप जन्मे हरि, शिव अज हर्षाये वामन का रूप धरा हरिने, बलियज्ञ भूमि पर वे आये स्वागत करके बलि यों बोले, जो चाहे कुछ तो माँगो भी हरि बोले ‘भूमि दो तीन पैर, हो जरा न कम या ज्यादा भी’ बलि ने ज्योंही हामी भरदी, वामन ने रूप अनन्त […]
Pragate Shri Vaaman Avtar
वामन अवतार प्रगटे श्री वामन अवतार निरख अदिति मुख करत प्रशंसा, जगजीवन आधार तन श्याम पीत-पट राजत, शोभित है भुज चार कुण्डल मुकुट कंठ कौस्तुभ-मणि, अरु भृगुरेखा सार देखि वदन आनंदित सुर-मुनि, जय-जय निगम उचार ‘गोविंददास’ हरि वामन होके, ठाड़े बलि के द्वार