Jay Kamala He Mahalakshmi
महालक्ष्मी स्तवन जय कमला हे महालक्ष्मी जय, सकल जगत माता सुखदाई रत्न मुकुट मस्तक पर राजै, चन्द्रहार गल शोभा पाई कानन में कुंडल, कर कंकण, पग नूपुर झँकार सुहाई गरुड़ चढ़ी हरि संग विराजे, शेषनाग तन सेज बिछाई ‘ब्रह्मानंद’ करे जो सुमिरन, सुख संपति हो जाय सवाई
Shri Mahalakshmi Jag Janani Ka
श्रीमहालक्ष्मी स्तवन श्री महालक्ष्मी जगजननी का, हम श्रद्धापूर्वक करें ध्यान जिनका है वर्ण स्वर्ण जैसा, उनकी महिमा का करें गान सद्भाव, अतिथि की सेवा हो, सत्कर्म जहाँ नित होता हो देवार्चन-प्रेम भाव मन का, आवास वहीं हो माता का माँ को अति प्रिय है शील सत्य, सत्संग कीर्तन जहाँ नित्य जहाँ प्राणि-मात्र प्रति प्रेम भाव, […]