Prasannata Prabhu Se Prapta Prasad
प्रसन्नता प्रसन्नता, प्रभु से प्राप्त प्रसाद जीवन तो संघर्ष भरा, मिटादे दुःख और अवसाद अगर खिन्नता आड़े न आये, जीवन भी सुखमय हो जब प्रसन्न सन्तुष्ट रहें तो, आनन्दमय सब कुछ हो संग करें उन लोगों का, जो खिले पुष्प से रहते कथा प्रभु की सुने कहें हम, पूर्ण शांति पा लेते मनोरोग है चिन्ता […]
Manuwa Khabar Nahi Pal Ki
प्रबोधन मनुवा खबर नहीं पल की राम सुमिरले सुकृत करले, को जाने कल की कौड़ी कौड़ी माया जोड़ी, झूठ कपट छल की सिर पर धरली पाप गठरिया, कैसे हो हलकी तारामण्डल सूर्य चाँद में, ज्योति है मालिक की दया धरम कर, हरि स्मरण कर, विनती ‘नानक’ की
Sab Chala Chali Ka Mela Hai
नश्वर संसार सब चला चली का मेला है कोई चला गया कोई जाने को, बस चार दिनों का खेला है घर बार कपट की माया है, जीवन में पाप कमाया है ये मनुज योनि अति दुर्लभ है, जिसने दी उन्हें भुलाया है विषयों में डूब रहा अब भी, जाने की आ गई वेला रे सब […]
Jo Rahe Badalta Jagat Vahi
परिवर्ती जगत् जो रहे बदलता जगत वही रह सकता इक सा कभी न ये, जो समझे शांति भी मिले यहीं जो चाहे कि यह नहीं बदले, उन लोगों को रोना पड़ता हम नहीं हटेगें कैसे भी, विपदा में निश्चित वह फँसता जो अपने मन में धार लिया,हम डटे रहेंगे उस पर ही वे भूल गये […]
Pahchan Le Prabhu Ko
परब्रह्म पहचान ले प्रभु को, घट घट में जो है बसते झूठे सभी है सारे, संसार के जो रिश्ते जड़ हो कि या हो चेतन, सबमें वही तो बसते प्रच्छन्न वे नहीं हैं, फिर भी न हमको दिखते कस्तूरी नाभि में पर, मृग खोजता है वन में सबके वही प्रकाशक, तूँ देख उनको मन में […]
Prani Matra Prabhu Se Anupranit
प्रबोधन प्राणिमात्र प्रभु से अनुप्राणित, जड़ चेतन में छाया सबको अपने जैसा देखूँ, कोई नहीं पराया जिसने राग द्वेष को त्यागा, उसने तुमको पाया दंभ दर्प में जो भी डूबा, उसने तुमको खोया कौन ले गया अब तक सँग में, धरा धाम सम्पत्ति जो भी फँसा मोह माया में, उसको मिली विपत्ति दो विवेक प्रभु […]
Mulyawan Yah Seekh Jo Mane
पुरुषार्थ मूल्यवान यह सीख जो माने, भाग्यवान् वह व्यक्ति है सत्कर्म करो बैठे न रहो, भगवद्गीता की उक्ति है यह सृष्टि काल के वश में है, जो रुके नहीं चलती ही रहे प्रमाद न हो गतिशील रहे, जीवन में जो भी समृद्धि चहे सन्मार्ग चुनो शुभ कार्य करो, उत्तम जीवन का मर्म यही जो यत्नशील […]
Sab Se Bada Dharma Ka Bal Hai
धर्म निष्ठा सबसे बड़ा धर्म का बल है वह पूजनीय जिसको यह बल, जीवन उसका ही सार्थक है ऐश्वर्य, बुद्धि, विद्या, धन का, बल होता प्रायः लोगों को चाहे शक्तिमान या सुन्दर हो, होता है अहंकार उसको इन सबसे श्रेष्ठ धर्म का बल, भवसागर से जो पार करे जिस ओर रहे भगवान् कृष्ण, निश्चय ही […]
Tu Apne Ko Pahchan Re
जीवात्मा तूँ अपने को पहचान रे ईश्वर अंश जीव अविनाशी, तूँ चेतन को जान रे घट घट में चेतन का वासा, उसका तुझे न भान रे परम् ब्रह्म का यह स्वरूप है, जो यथार्थ में ज्ञान रे रक्त मांस से बनी देह यह, जल जाती श्मशान रे वे विश्व वद्य वे जग-निवास, कर मन में […]
Pitaron Ka Shradha Avashya Kare
पितृ-श्राद्ध पितरों का श्राद्ध अवश्य करें श्रद्धा से करे जो पुत्र पौत्र, वे पितरों को सन्तुष्ट करें जो देव रुद्र आदित्य वसु, निज ज्ञान-शक्ति के द्वारा ही किस योनी में उत्पन्न कहाँ, कोई देव जानते निश्चय ही ये श्राद्ध वस्तु देहानुरूप, दे देते हैं उन पितरों को विधि पूर्वक होता श्राद्ध कर्म, आशीष सुलभ सन्तानों […]