Prabhu Ka Sharanagat Ho Jayen
शरणागति प्रभु के शरणागत हो जायें अपने बल का अभिमान त्याग, उनका ही आश्रय ले पायें प्रभु का ही अंश है जीव मात्र, अंशी की शरण से दुख न रहे साधना ऐसा कोई न और, चिंताएँ भय सब शोक बहे वेदों का सार उपनिषद् है, भगवद्गीता उनका भी सार उसका भी सार शरणागति है, भव-निधि […]
Bhagyanusar Fal Prapta Hame
भाग्यानुसार फल भाग्यानुसार फल प्राप्त हमें भगवान् नियामक कर्मों के, जैसा बोया हो मिले हमें विवेक प्रभु से प्राप्त हमें, हम चाहें जैसा वही करें ये अहंकार व काम क्रोध, जो पाप कर्म में प्रवृत करें प्रभु में तो विषमता जरा नहीं, हम कर्मों का ही फल पायें वे तो कर्मों को देख रहे, शुभ […]
Shastriya Vidhan Se Karma Karen
पाप-निवारण शास्त्रीय विधान से कर्म करे, उन कर्मों को ही कहें धर्म जिनका निषेध है वेदों में, कहलाते सारे वे अधर्म अन्तर्यामी सर्वज्ञ प्रभु, करनी को देख रहे सबकी पापों का प्रायश्चित जो न करे, तो दण्डनीय गति हो उनकी कल्याणकारी हरि के कीर्तन, जो कर पाये पूरे मन से पापों का निवारण हो जाये, […]
Jivan Main Har Nahi Mane
पराजय जीवन में हार नहीं माने घबराये नहीं विषमता से, आती हमको वे चेताने जो गुप्त सुप्त शक्ति हममें, उसको ही वह जागृत करने प्रतिकूल परिस्थिति आती है, एक बार पुन: अवसर देने जब तक ये प्राण रहे तन में, कठिनाई जीते हमें नहीं हम आश्रय ले परमात्मा का, आखिर में जीतेंगे हम ही
Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko
कर्म निष्ठा नर हो न निराश, करो मन को, बस कर्म करो पुरुषार्थ करो आ जाय समस्या जीवन में, उद्देश्य हमारा जहाँ सही साहस करके बढ़ते जाओ, दुष्कर कोई भी कार्य नहीं संघर्ष भरा यहा जीवन है, आशा को छोड़ो नहीं कभी मन में नारायण नाम जपो, होओगे निश्चित सफल तभी जब घिर जाये हम […]
Prabhu Ke Sharnagat Hua Aaj
शरणागति प्रभु के शरणागत हुआ आज था अहंकार से उपहत मैं, कुछ कर न सका कर्तव्य काज इन्द्रिय-विषयों में रमा रहा, नहीं स्मरण किया श्रीकृष्ण तुम्हें सादर प्रणाम श्रीचरणों में, नहीं भक्त भूलते कभी जिन्हें मैं ऊब गया जग झंझट से, झँझानिल दुष्कर भवसागर शरणागत-पालक आप विभो, हे अमित-शक्ति करुणासागर हे परम पुरुष अन्तर्यामी, करनी […]
Bhav Ke Bhukhe Prabhu Hain
भाव के भूखे भाव के भूखे प्रभु हैं, भाव ही तो सार है भाव से उनको भजे जो, उसका बेड़ा पार है वस्त्र भूषण या कि धन हो, सबके दाता तो वही अर्पण करें सर्वस्व उनको, भाव तो सच्चा यही भाव से हम पत्र, जल या पुष्प उनको भेंट दे स्वीकारते उसको प्रभु, भव-निधि से […]
Shri Krishnarjun Samvad Divya
श्रीमद्भगवद्गीता श्री कृष्णार्जुन संवाद दिव्य, गीता ने हमें प्रदान किया कालजयी यह ग्रंथ सभी धर्मों को समन्वित ज्ञान दिया हर देश परिस्थिति में रचना, मानव को मार्ग दिखाती है सर्वोत्कृष्ट यह ऐसी कृति, जो सदा प्रेरणा देती है निन्दा, स्तुति, मानापमान, जो द्वन्द्व मचायें जीवन में दुविधा में जब भी पड़ें कभी, जायें गीता के […]
Jiwan Swayam Ka To Malin
पाखण्ड जीवन स्वयं का तो मलिन, उत्सुक हमें उपदेश दे यह तो विरोधाभास है उनमें अहं भरपूर है अन्त:करण से तो कुटिल, सत्कर्म का पर ज्ञान दे यह ढोंगियों का आचरण, विश्वास उस पर क्यों करें जो भक्ति का प्रतिरोध करते, मुक्ति का निर्देश दे अनभिज्ञ वे तो शास्त्र से, सद्ज्ञान से कोसो परे साधन […]
Nirmal Vivek Ho Ant Samay
गजेन्द्र स्तुति निर्मल विवेक हो अन्त समय गजेन्द्र-मोक्ष स्तवन करे, नित ब्रह्म मुहूर्त में हो तन्मय अद्भुत स्तुति नारायण की, जो गजेन्द्र द्वारा सुलभ हमें हो अन्त समय में जैसी मति, वैसी ही गति हो प्राप्त हमें पापों, विघ्नों का शमन करें, स्तुति श्रेय यश को देती निष्काम भाव अरू श्रद्धा से, हम करें कष्ट […]