Bhagwan Tumhare Mandir Main

प्रभु दर्शन भगवान् तुम्हारे मंदिर मैं, मैं दर्शन करने आई हूँ वाणी में तो माधुर्य नहीं, पर स्तुति करने आई हूँ मैं हूँ दरिद्र अति दीन दुखी, कुछ नहीं भेंट है देने को नयनों में केवल अश्रु बचे, चरणों की पूजा करने को हे नाथ मेरे, मैं तो अनाथ, करुणानिधि मुझ पर कृपा करो मैं […]

Man Main Yah Rup Niwas Kare

युगल स्वरूप मन में यह रूप निवास करे दो गात धरे वह एक तत्व, अनुपम शोभा जो चित्त हरे वृषभानु-सुता देवकी-नन्दन के अंगों का बेजोड़ लास्य मधुरातिमधुर जिनका स्वरूप, अधरों पर उनके मंद हास्य गल स्वर्णहार, बैजंति-माल, आल्हादिनि राधा मनमोहन वृन्दावन में विचरण करते, वे वरदाता अतिशय सोहन निमग्न रास क्रीड़ा में जो, रति कामदेव […]

Main Nahi Mati Khai Maiya

परब्रह्म श्याम मैं नहीं माटी खाई मैया, मैं नहीं माटी खाई ग्वाल सखा सब झूठे मैया, जिनको तू पतियाई एक बार चुपके से लाला ने जब मिट्टी खाई देख लिया मैया न उसको, तभी दौड़ कर आई हाथ पकड़ उसका तब बोलीं, मुँह तो खोल कन्हाई तीनों लोक लाल के मुँह में, देखे तो चकराई […]

Rachyo Annakut Vidhivat Hai

अन्नकूट रच्यौ अन्नकूट विधिवत् है ब्रज में पाक बनाये गोप गोपियाँ ग्वाल-बाल, मन मोद बढ़ाये मीठे और चरपरे व्यंजन, मन ललचाये गिनती हो नहीं सके, देख सब ही चकराये तुलसी दल की पुष्पमाल गोवर्धन पहने चंदन केशर तो ललाट पे, शोभित गहने मोरपंख का मुकट, गले में तो वनमाला गोवर्धन ये नहीं, किन्तु है नंद […]

Vandaniya Tulsi Maharani

तुलसी अर्चना वंदनीय तुलसी महारानी, अद्भुत महिमा शास्त्र बखानी नित्य धाम गोलोक से आई, कल्पवृक्ष सम महिमा गाई श्याम वर्ण शोभा सुखदाई, पृथ्वी मूल्यवान निधि पाई श्री हरि सेवा पूजन हेतु, तुलसीजी का बाग लगाये प्रेत पिशाच भूत भग जाये, यज्ञ, दान, व्रत का फल पाये प्रभु पूजा नैवेद्य आदि में, तुलसी दल अनिवार्य धराये […]

Sharnagat Palak Param Prabho

प्रार्थना शरणागत पालक परम प्रभो, हमको एक आस तुम्हारी है तुम्हरे सम दूजा और नहीं, कोई दीनन को हितकारी है सुधि लेत सदा सब जीवों की, अतिशय करुणा उर धारी है प्रतिपाल करो बिन ही बदले, अस कौन पिता महतारी है बिसराय तुम्हें सुख चाहत जो, वह तो नादान अनारी है ‘परतापनारायण’ तो तुम्हरे, पद-पंकज […]

Shri Mahalakshmi Jag Janani Ka

श्रीमहालक्ष्मी स्तवन श्री महालक्ष्मी जगजननी का, हम श्रद्धापूर्वक करें ध्यान जिनका है वर्ण स्वर्ण जैसा, उनकी महिमा का करें गान सद्भाव, अतिथि की सेवा हो, सत्कर्म जहाँ नित होता हो देवार्चन-प्रेम भाव मन का, आवास वहीं हो माता का माँ को अति प्रिय है शील सत्य, सत्संग कीर्तन जहाँ नित्य जहाँ प्राणि-मात्र प्रति प्रेम भाव, […]

Sadashiv Bholenath Kahayen

सदाशिव महिमा सदाशिव भोलेनाथ कहाये आशुतोष भयहारी शम्भो, महिमा ॠषि-मुनि गाये शरणागत जो करे याचना, वह निहाल हो जाये औढरदानी विरुद तिहारो, अन्य देव सकुचाये वर देकर विचित्र संकट में, अपने को उलझाये भस्मासुर बाणासुर से श्री हरि निस्तार कराये तीन नयन, सर्पों की माला, चिता भस्म लपटाये अशुभ वेष धारण तुम कीन्हों, तो भी […]

Gopal Gokul Vallabhi

श्री कृष्ण वन्दना गोपाल गोकुल बल्लभी प्रिय गोपगोसुत बल्लभं चरनारबिंदमहं भजे भजनीय सुर मुनि दुर्लभं घनश्याम काम अनेक छबि, लोकाभिराम मनोहरं किंजल्क-वसन, किसोर मूरति, भूरि गुन करुनाकरं सिर केकि-पच्छ बिलोल कुंडल, अरुन बनरुह लोचनं गुंजावतंस विचित्र सब अँग धातु, भव-भय मोचनं कच-कुटिल, सुंदर तिलक भ्रू, राका मयंक समाननं अपहरन ‘तुलसीदास’ त्रास विहार वृंदा काननं

Bharat Bhai Kapi Se Urin Ham Nahi

कृतज्ञता भरत भाई कपि से उऋण हम नाहीं सौ योजन मर्याद सिन्धु की, लाँघि गयो क्षण माँही लंका-जारि सिया सुधि लायो, गर्व नहीं मन माँही शक्तिबाण लग्यो लछमन के, शोर भयो दल माँही द्रोणगिरि पर्वत ले आयो, भोर होन नहीं पाई अहिरावण की भुजा उखारी, पैठि गयो मठ माँही जो भैया, हनुमत नहीं होते, को […]