Meri Yah Abhilash Vidhata

अभिलाषा मेरी यह अभिलाष विधाता कब पुरवै सखि सानुकूल ह्वैं हरि सेवक सुख दाता सीता सहित कुसल कौसलपुरआय रहैं सुत दोऊ श्रवन-सुधा सम वचन सखी कब, आइ कहैगो कोऊ जनक सुता कब सासु कहैं मोहि, राम लखन कहैं मैया कबहुँ मुदित मन अजर चलहिंगे, स्याम गौर दोउ भैया ‘तुलसिदास’ यह भाँति मनोरथ करत प्रीति अति […]

Aai Chak Bulaye Shyam

वन भोजन आई छाक बुलाये स्याम यह सुनि सखा सबहि जुरि आये, सुबल, सुदामा अरु श्रीदाम कमलपत्र दोना पलास के, सब आगे धरि परसत जात ग्वाल मंडली मध्य स्याम घन, सब मिलि भोजन रूचि सो खात ऐसी भूख बीच यह भोजन, पठा दियौ जो जसुमति मात ‘सूर’,स्याम अपनो नहिं जेंवत, ग्वालन कर तें लै लै […]

Kaha Pardesi Ko Patiyaro

वियोग कहापरदेसी कौ पतियारौ प्रीति बढ़ाई चले मधुबन कौ, बिछुरि दियौ दुख भारौ ज्यों जल-हीन मीन तरफत त्यौं, व्याकुल प्राण हमारौ ‘सूरदास’ प्रभु गति या ब्रज की, दीपक बिनु अँधियारौ

Chalat Lal Penjani Ke Chai

बालकृष्ण लीला चलत लाल पैंजनि के चाइ पुनि-पुनि होत नयौ-नयौ आनँद, पुनि पुनि निरखत पाँइ छोटौ बदन छोटि यै झिंगुली, कटि किंकिनी बनाइ राजत जंत्र हार केहरि नख, पहुँची रतन जराइ भाल तिलक अरु स्याम डिठौना, जननी लेत बलाइ तनक लाल नवनीत लिए कर, ‘सूरदास’ बलि जाइ

Jaise Tum Gaj Ko Paw Chudayo

भक्त के भगवान जैसे तुम गज को पाँव छुड़ायौ जब जब भीर परी भक्तन पै, तब तब आइ बचायौ भक्ति हेतु प्रहलाद उबार्यो, द्रौपदी को चीर बढ़ायौ ‘सूरदास’ द्विज दीन सुदामा, तिहिं दारिद्र नसायौ

Dekho Ri Nand Nandan Aawat

श्री चरण देखौ री नँदनंदन आवत वृन्दावन तैं धेनु-वृंद बिच, बेनु अधर धर गावत तन घनश्याम कमल-दल-लोचन, अंग-अंग छबि पावत कारी-गोरी, धौरी-धूमरि, लै लै नाम बुलावत बाल गोपाल संग सब सोभित, मिलि कर-पत्र बजावत ‘सूरदास’ मुख निरखत ही मुख, गोपी-प्रेम बढ़ावत

Pragat Bhai Sobha Tribhuwan Ki

राधा प्राकट्य प्रगट भई सोभा त्रिभुवन की, श्रीवृषभानु गोप के आई अद्भुत रूप देखि ब्रजबनिता, रीझि – रीझि के लेत बलाई नहिं कमला न शची, रति, रंभा, उपमा उर न समाई जा हित प्रगट भए ब्रजभूषन, धन्य पिता, धनि माई जुग-जुग राज करौ दोऊ जन, इत तुम, उत नँदराई उनके मनमोहन, इत राधा, ‘सूरदास’ बलि […]

Braj Me Hari Hori Machai

होली ब्रज में होरी मचाई इत ते आई कुँवरि राधिका, उतते कुँवर कन्हाई गोपिन लाज त्यागि रंग खेलत, शोभा बरनि न जाई, नंद-घर बजत बधाई बाजत ताल मृदंग बाँसुरी, बीना डफ शहनाई उड़त अबीर, गुलाल, कुंकुमा, रह्यो चहुँ दिसि छाई, मानो मघवा झड़ी लगाई भरि-भरि रंग कनक पिचकारी, सन्मुख सबै चलाई छिरकत रंग अंग सब […]

Maiya Gai Charawan Jehon

गौ-चारण मैया ! गाइ चरावन जैहौ तू कहि महर नंदबाबा सौं, बड़ौ भयौ न डरैहौं रैता, पैता, मना, मनसुखा, हलधर संगहि रैहौं बंसीबट पर ग्वालिन कै संग, खेलत अति सुख पैहौं मैया, भोजन दै दधि काँवरि, भूख लगे तैं खैहौं ‘सूरदास’ है साखि जमुन-जल, सौंह देहु जु नहैहौं

Ye Din Rusibe Ke Nahi

दर्शन की प्यास ये दिन रूसिबै के नाहीं कारी घटा पवन झकझोरै, लता तरुन लपटाहीं दादुर, मोर, चकोर, मधुप, पिक, बोलत अमृत बानी ‘सूरदास’ प्रभु तुमरे दरस बिन, बैरिन रितु नियरानी