Bhagwan Krishna Lilamrut Ka
ब्रह्माजी का भ्रम भगवान् कृष्णलीलामृत का, हम तन्मय होकर पान करें ब्रह्मा तक समझ नहीं पाये, उन सर्वात्मा का ध्यान धरें यमुनाजी का रमणीय-पुलीन, जहाँ ग्वाल बाल भी सँग में हैं मंडलाकार आसीन हुए, भगवान् बीच में शोभित हैं बछड़े चरते थे हरी घास, मंडली मग्न थी भोजन में भगवान कृष्ण की लीला से, ब्रह्मा […]
Mathura Se Shyam Nahin Loute
ज्ञान पर भक्ति की विजय मथुरा से श्याम नहीं लौटे हैं, दुःखी सब ही ब्रज में मात यशोदा बाबा नन्द को, लाला की याद आय मन में मथुरा राजमहल में व्याकुल, रहें सदा ही राधाकान्त रोक नहीं पाते अपने को रोते थे पाकर एकान्त ब्रज बालाएँ डूब रहीं थीं, विरह वेदना में दिन रात उद्धव […]
Main Krishna Nam Ki Chudiyan Pahanu
भरतार श्याम मैं कृष्ण नाम की चुड़ियाँ पहनूँ, आँख में कजरा डार गले में मोतियन माला पहनूँ, उनके हित श्रंगार ऐसे जन को नहीं वरूँ मैं, जो कि जिये दिन चार मेरे तो भरतार श्याम हैं, उन सँग करूँ विहार करूँ निछावर जीवन सारा, वे ही प्राणाधार स्वत्व मिटे, कुछ रहे न मेरा, माया मोह […]
Rang Darat Laj Na Aai
होली रंग डारत लाज न आई, नन्दजी के कुँवर कन्हाई माखन-चोर रसिक मतवारे, गलियन धूम मचाई, गुलचे खाये भूल गये क्यों, करन लगे ठकुराई सखि! वाँको शरम न आई हाथ लकुटिया काँधे कमरिया, बन बन धेनु चराई, जाति अहीर सबहिं जन जानत, करन लगे ठकुराई छलिये जानत लोग लुगाई मात जसोदा ऊखल बाँधे, रोनी सूरति […]
Lal Gulal Gupal Hamari
होली लाल गुलाल गुपाल हमारी, आँखिन में जिन डारोजू वदन चंद्रमा नैन चकोरी, इन अन्तर जिन पारोजू गाओ राग बसंत परस्पर, अटपट खेल निवारोजू कुंकुम रंग सों भरि पिचकारी, तकि नैनन जिन मारोजू बाँकी चितवन नेह हृदय भरि, प्रेम की दृष्टि निहारोजू नागरि-नागर भवसागर ते, ‘कृष्णदास’ को तारोजू
Sharnagat Par Shiv Kripa Karen
मृत्युंजय शिव शरणागत पर शिवकृपा करें, रोगों से मुक्ति प्रदान करें मृत्यु तो निश्चित है परन्तु, हम पूर्णायु को प्राप्त करें स्वाभाविक मानव की इच्छा, वह स्वस्थ रहे प्रभु कष्ट हरें ‘मृत्युंजय मंत्र’ को सिद्ध करे, शिव उसको स्वास्थ्य प्रदान करें विधिपूर्वक निश्चित संख्या में, जो इसी मंत्र का जाप करे मृत्युंजय शिव का भजन […]
Shrimad Bhagawat Ki Dhwani Hi Se
श्रीमद्भागवत् महिमा श्रीमद्भागवत् की ध्वनि ही से, सब दोष नष्ट हो जाते हैं यह वासुदेव वाङ्मय स्वरूप, इसका दर्शन नित सेवन हो फलरूप वेद-उपनिषद् का ये, दुख शोक नाश यह करता है सर्वोच्च है सभी पुराणों में, इसकी महिमा का पार नहीं रसपूर्ण कथा आयोजित हो, वहाँ भक्ति देवि आ जाती है भगवान् कृष्ण की […]
Sakhi Ri Achraj Ki Yah Baat
अचरज की बात सखी री! अचरज की यह बात निर्गुण ब्रह्म सगुन ह्वै आयौ, बृजमें ताहि नचात पूरन-ब्रह्म अखिल भुवनेश्वर, गति जाकी अज्ञात ते बृज गोप-ग्वाल सँग खेलत, बन-बन धेनु चरात जाकूँ बेद नेति कहि गावैं, भेद न जान्यौ जात सो बृज गोप-बधुन्ह गृह नित ही, चोरी कर दधि खात शिव-ब्रह्मादि, देव, मुनि, नारद, जाकौ […]
Koshalpur Me Bajat Badhai
श्री राम जन्म कौशलपुर में बजत बधाई सुंदर सुत जायो कौशल्या, प्रगट भये रघुराई जात कर्म दशरथ नृप कीनो, अगणित धेनु दिवाई गज तुरंग कंचन मणि भूषण, दीन्हे मन हरषाई देत असीस सकल नरनारी, चिरजियो सतभाई ‘तुलसिदास’ आस पूरन भई, रघुकुल प्रकटे आई
Bhaj Man Ram Charan Sukh Dai
भज मन राम-चरण सुखदाई जिहि चरनन ते निकसी सुर-सरि, शंकर-जटा समाई जटा शंकरी नाम पर्यो है, त्रिभुवन तारन आई जिन चरनन की चरन-पादुका, भरत रह्यो लवलाई सोई चरन केवट धोइ लीन्हे, तब हरि नाव चढ़ाई सोई चरन संतन जन सेवत, सदा रहत सुखदाई सोई चरन गौतम ऋषि-नारी, परसि परम पद पाई दंडक वन प्रभु पावन […]