Bhakta Ke Vash Main Hain Bhagwan

भक्त वत्सलता भक्त के वश में हैं भगवान जब जब स्मरण किया भक्तों ने, रखली तुमने आन चीर खिंचा जब द्रुपद-सुता का, दु:शासन के द्वारा लिया वस्त्र अवतार, द्रौपदी ने जब तुम्हें पुकारा लगी बाँधने यशुमति मैया, जब डोरी से तुमको थकी यशोदा पर न बँधे, तो बँधवाया अपने को दुर्वासा संग शिष्य जीमने, पाण्डव-कुटि […]

Mangal Diwas Chathi Ko Aayo

उत्सव मंगल दिवस छठी को आयो आनन्दित नंदराय जसोदा, मानों निर्धन धन को पायो न्हवा कान्ह को जसुमति मैया, कुल देवी के चरण परायो विविध भाँति के व्यंजन धर के, देवी को भलिभाँति मनायो सब ब्रज नारी बधावन आई, बालकृष्ण को तिलक करायो जय जयकार होत गोकुल में, ‘परमानंद’ हरषि जस गायो  

Main Kusum Kali Hun Pujan Ki

पूजन में प्रेम मैं कुसुम कली हूँ पूजन की, है अहो भाग्य यह मेरा फूलों की मैं माला बन कर, मैं प्रिय के गले लगूँगी उनका मन आल्हादित करके, मैं धन्य-भाग्य होऊँगी मन-मोहन को रिझा सकूँगी, पुष्पगंध के द्वारा अपना जीवन सफल करूँगी, पा लूँगी सुख सारा गद्गद् तब मैं हो जाऊँगी, अश्रुपात नयनों से […]

Yashoda Nand Gopijan Dukhi Hai

विरह वेदना यशोदा, नन्द, गोपीजन, दुखी है विरह पीड़ा से परम प्यारा सभी का मैं, कहे यो श्याम उद्धव से उधोजी ब्रज में जाकर के, मिले तब नन्द बाबा से कभी गोविंद आयेंगे, यों पूछा नन्द ने उनसे बही तब आँसुओं की धार, यशोदा नन्द नयनों से रुँध गया कण्ठ दोनों का, बोल ना पाय […]

Lal Bhaye Nand Lal

होली लाल भये नँदलाल, साँवरो रंग गयो है लाल मुकुट, कटि लाल हैं, लाल गले वनमाल अलकें लाल सुलाल होठ के, दर्शन करें निहाल ढंग यह आज नयो है गोप गोपियाँ सभी लाल हैं, और बज रही ताल ढोल मृदंग झाँझ सब बाजे, नभ में लाल गुलाल अनोखो फाग छयो है गगन लाल अरु घटा […]

Shat Shat Pranam Prabhu Raghav Ko

राघव को प्रणाम शत शत प्रणाम प्रभु राघव को कोई ऊँच नीच का भेद नहीं, सब लोग ही प्रेम करे उनको जो राजपाट को त्याग रहे, चौदह वर्षों तक वन में ही शबरी के जूठे बेर खाय, अरु गले लगाये केवट को वियोग हुआ वैदेही से, कई कष्ट सहे भी तुमने ही जब राक्षस रावण […]

Shri Bhagvad Gita Divya Shastra

गीतोपदेश श्री भगवद्गीता दिव्य शास्त्र जिसमें वेदों का भरा सार वाणी द्वारा इसका माहात्म्य, अद्भुत कोई पाता न पार भगवान् कृष्ण-मुख से निसृत, यह अमृत इसका पान करे स्वाध्याय करे जो गीता का, उसके यह सारे क्लेश हरे मृगतृष्णा-जल जैसी दुनिया, आसक्ति मोह का त्याग करें कर्तापन का अभिमान छोड़, हम शास्त्र विहित ही कर्म […]

Sakhi Ye Badbhagi Hai Mor

बड़भागी नंद यशोदा सखी! ये बड़भागी हैं मोर जेहि पंखन को मुकुट बन्यो है धर लियो नंद किशोर बड़ भागी अति नंद यशोदा, पुण्य किये भर जोर शिव विरंचि नारद मुनि ज्ञानी, ठाड़े हैं कर जोर ‘परमानन्द’ दास को ठाकुर, गोपियन के चितचोर  

Kaho Tumh Binu Grah Mero Kon Kaj

अनुरोध कहौ तुम्ह बिनु गृह मेरो कौन काज ? विपिन कोटि सुरपुर समान मोको, जो प्रिय परिहर् यो राज वलकल विमल दुकूल मनोहर, कंदमूल – फल अमिय अनाज प्रभु पद कमल विलोकहुँ छिन छिन इहितें, अधिक कहा सुख साज हो रहौ भवन भोग लोलुप ह्वै, पति कानन कियो मुनि को साज ‘तुलसिदास’ ऐसे विरह वचन […]

Bhaye Prakat Krapala Din Dayala

श्री राम जन्म भए प्रकट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी हरषित महतारी मुनि मन हारी, अद्भुत रूप विचारी लोचन अभिरामा तनु घनश्यामा, निज आयुध भुज चारी भूषन वनमाला नयन विशाला, सोभा सिंधु खरारी कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी, केहि बिधि करौं अनंता माया गुन ज्ञानातीत अमाना, वेद पुरान भनंता करुना-सुख-सागर सब गुन आगर, जेहि गावहिं […]