Kalindi Kamniy Kulgat
श्री कृष्ण माधुर्य कालिन्दी कमनीय कूलगत, बालु सुकोमल ब्रज बाथिनि महँ बिछी रहे, बनिके तहँ निश्चल तापै विहरत श्याम चरण, मनि नूपुर धारे परम मृदुल मद भरे बजे, जहाँ जहाँ सुकुमारे अब टक ब्रजरज मध्य में, अंकित जो पदचिन्ह हैं तिनि चरननि वन्दन करौं, जो सबही तें भिन्न हैं केशपाश अति सघन, वरन कारे घुँघरारे […]
Hamari Radha Ati Sukumari
श्री राधा हमारी राधा अति सुकुमारी विहरत है वृषभानु महल में, चहुँ दिशि करत उजारी लोचन युगल खिले पंकज दोउ, मातु बजावति तारी आवति दौरि अङक में उछरैं, हँसनि देत किलकारी गोरो अंग श्याम हिय धारति, श्यामा श्याम बिहारी दुग्ध धवलिया तनु छाया सम, होंहि न पियते न्यारी
Bhajan Ko Namahi Nam Bhayo
भजन महिमा भजन को नामहि नाम भयो जासों द्रवहि न प्राननाथ, वह कैसे भजन भयो कर माला, मुख नाम, पै न मन में कोई भाव रह्यो केवल भयो प्रदरसन, लोगन हूँ ने भगत कह्यो पायो मानुष जन्म, वृथा ऐसे ही समय गयो मन में साँची लगन होय सो, साँचो भजन कह्यो बिरह व्यथा में बीतहिं […]
Shyam Binu Bairin Rain Bhai
विरह व्यथा स्याम बिनु बैरिन रैन भई काटे कटत न घटत एक पल, सालत नित्य नई पल भर नींद नयन नहिं आये, तारे गिनत गई उलटि-पुलटि करवट लैं काटूँ, ऐसी दशा भई कहा बात मैं कहूँ गात की, जात न कछु कही अँखियन में पावस सी छाई, जब पल रूकत नहीं भये निठुर ऐसे नँदनंदन, […]
Aaj Sakhi Shyam Sundar
मुरली का जादू आज सखी श्याम सुंदर बाँसुरी बजाये मोर-मुकुट तिलक भाल, पग में नूपुर सुहाये बिम्बाधर मुरलीधर, मधुर धुन सुनाये यमुना को रुकत नीर, पक्षीगण मौन भये धेनू मुख घास डार, धुनि में मन लाये त्रिभुवन में गूँज उठी, मुरली की मधुर तान समाधि भी गई टूट, योगी मन भाये बंशी-स्वर सुन अपार, भूले […]
Man Le Manwa Murakh Tu
सीख मान ले मनवा मूरख तू, अब तो भज नाम निंरजन का माँ-उदर में जिसने पेट भरा, अब पेट के काज तू क्यों भटके दुनियाँ का पोषण जो करता, वह पालनहार तेरे तन का ये मात-पिता, भाई-बंधु, बेटा अरु, माल मकान सभी कोई वस्तु नहीं स्थिर है यहाँ, करले तू काम भलाई का ये काल […]
Anurag Gopiyon Jaisa Ho
गोपियों की प्रीति अनुराग गोपियों जैसा हो श्रीकृष्ण प्रेम का मूर्तिमान, विग्रह है श्री राधाजी ही महाभाव रूप उनका पावन,राधारानी का प्रेम वही श्री राधा का उद्देश्य यही, बस सुख पहुँचाएँ प्यारे को वे करते प्रेम प्रियाजी से, यह श्रेय श्री कृष्ण बड़प्पन को जीवन में जो कुछ सुख दुख है, हम स्वीकारें सहर्ष उसे […]
Avtar Hum Shri Raghav Ka
श्रीराम प्राकट्य अवतार हुआ श्री राघव का, तो चैत्र-मास की नवमी थी मौसम सुहावना सुखकारी, तब ऋतु बसंत छवि छाई थी आनन्द विभोर अयोध्या थी, उन्मुक्त तरंगें सरयू की हर्षातिरेक से भरी हुई, यह स्थिति मात कौसल्या की चौथेपन में बेटा पाया, कोसलाधीश को हर्ष हुआ मन चाहीं भेंट मिली सबको, नाचें गायें दें सभी […]
Utrai Le Lo Kewat Ji
केवट का प्रेम (राजस्थानी) उतराई ले लो केवटजी, थाँरी नाव की चरण पकड़ यूँ केवट बोल्यो, सुणो राम रघुराई थाँरी म्हारी जात न न्यारी, ल्यूँ कइयाँ उतराई धोबी सूँ धोबी ना लेवे, कपड़ो लेत धुलाई नाई सूँ नाई ना लेवे, बालाँ की कतराई थे केवट हो भवसागर का, म्हारे नदी तलाई जब मैं आऊँ घाट […]
Karuna Mai He Bhagwati
दुर्गादेवी स्तुति करुणामयी हे भगवती! सद्बुद्धि दें, संकट हरें आरूढ़ होती सिंह पर, शुभ मुकुट माथे पर धरें मरकत मणि सम कान्तिमय, हम जगन्माता को वरें जिसकी न तुलना हो सके, सौन्दर्य माँ का मोहता वह गात कंकण, करधनी अरू नूपुरों से गूँजता माता अधीश्वरी विश्व की, सब देवताओं में प्रमुख वे अभय करतीं, भोग […]