Braj Main Kaisi Hori Machai
होली ब्रज में कैसी होरी मचाई, करत परस्पर रोरी नंदकुँवर बरसाने आये, खेलन के मिस होरी बाँह पकड़ एक ग्वालिन की वे, बहुत ही करै चिरौरी अब तो बहियाँ छोड़ो प्यारे, देखत हमें किसोरी अधिक अधीर राधिका आई, जानत श्याम ठगोरी होली खेलत राधा मोहन, गलियन रंग बह्योरी लाल भयो कटिपट मोहन को, लाल राधिका […]
Bhojan Kare Shyam Kanan Main
वन-विहार भोजन करे श्याम कानन में ग्वाल-बाल संग हँसे हँसाये, मुदित सभी है मन में छीके खोल सखा सब बैठे, यमुना तट पर सोहे उनके मध्य श्याम-सुन्दर छबि, सबके मन को मोहे जूठे का संकोच नहीं, सब छीन झपट के खायें सभी निहारें मोहन मुखड़ा, स्वाद से भोजन पायें छटा निराली नटनागर की, धरी वेणु […]
Main Karu Vinati Maa Durga
दुर्गा देवी स्तुति मैं करूँ विनती माँ दुर्गा, दुर्गति हारिणी महाकाल सर्वांग सुन्दरी ज्योतिर्मय, कस्तुरी केसर-तिलक भाल मुस्कान अधर पे मंद-मंद, आभूषण शोभित रत्न माल मस्तक पर मंडित अर्ध चन्द्र, माँ के वैभव का नहीं पार सावित्री, सन्ध्या, महादेव, हरिअज वन्दित महिमा अपार सौभाग्यदायिनी जग-जननी, माँ राग द्वेष अभिमान हरो हो न्यौछावर जो भी मेरा, […]
Yashumati Nand Nandan Banwari
वन भेजे यशुमति नँद-नंदन बनवारी रूप माधुरी कमल-नयन की, अद्वितीय मनहारी लटकनी चाल, लकुटिया कर में, गौ-वत्स चराने जाये विद्युत-सी दंतावलि दमके, मनमोहन मुस्काये ग्वाल-बाल सँग भोजन करते, वन में आज बिहारी गोलाकार बिराजै बालक, मध्य गोवर्धनधारी छवि देखने देव देवियाँ, तभी गगन में आये रूप माधुरी निरख श्याम की, आनँद नहीं समाये भोजन में […]
Ladili Surang Palne Jhule
झूला लाड़िली सुरंग पालने झूले कीरति रानी सुलावै, गावै, हर्षित अति मन फूले भाँति भाँति के लिये खिलौना, प्रमुदित गोद खिलावे देखि देखि मुसकाति सलोनी द्वैदंतुलि दरसावे शोभा की सागर श्री राधा, उमा रमा रति वारी तिहि छन की शोभा कछु-न्यारी, विधि निज हाथ सँवारी यशोदा का सुखलाल को पलना मात पौढ़ाये स्नान करा झँगुला […]
Shankaracharya Ne Janma Liya
भगवत्पाद आद्य शंकराचार्य शंकराचार्य ने जन्म लिया प्रायः सधर्म तब लुप्त ही था ‘शंकरः शंकरः साक्षात्’ उक्ति, अवतार आशुतोष शिव का था भारत में वैदिक धर्म कर्म, स्थापित शंकर के द्वारा अद्वैत, द्वैत मत जो भी हैं, अधिकार भेद सचमुच सारा तो मार्ग समन्वय खोल दिया, जो था विरोध समाप्त किया वर्णाश्रम धर्म संरक्षित हो, […]
Shri Krishna Chandra Hi Yogeshwar
योगेश्वर श्रीकृष्ण श्री कृष्णचन्द्र ही योगेश्वर, जो सभी योगियों के योगी अध्यात्म साधनों के द्वारा, जुड़ जाता उनसे हर योगी भगवान कृष्ण की लीलाएँ या कर्म सभी जन हितकारी हो कर्म, ज्ञान या भक्ति योग, गीतोपदेश मंगलकारी जो स्वास्थ्य प्रदान करे हमको, सीमित उस तक होता न योग सर्वत्र शांति संतोष रहे, सुख सुविधा का […]
Sakhi Sapane Mohan Aaye
ब्रज की स्मृति सखि, सपने में मनमोहन आये बड़े दुखी है मथुरा में वे, कोई तो समझाये टप टप आँसू गिरें नयन से, घूम रहे उपवन में नहीं सँभाल पाते अपने को, व्याकुलता है मन में कहते प्राणेश्वरी राधिके, निश दिन रहूँ उदास लोग भले ही कहें यहाँ सुख, झूठ-मूठ विश्वास तेरे बिना एक पल […]
Kahan Ke Pathik Kahan Kinh Hai Gavanwa
परिचय कहाँ के पथिक कहाँ, कीन्ह है गवनवा कौन ग्राम के, धाम के वासी, के कारण तुम तज्यो है भवनवा उत्तर देस एक नगरी अयोध्या, राजा दशरथ जहाँ वहाँ है भुवानवा उनही के हम दोनों कुँवरावा , मात वचन सुनि तज्यो है भवनवा कौन सो प्रीतम कौन देवरवा ! साँवरो सो प्रीतम गौर देवरवा ‘तुलसिदास’ […]
Bethi Sagun Manavati Mata
माँ की आतुरता बैठी सगुन मनावति माता कब ऐहैं मेरे बाल कुसल घर, कहहु, काग ! फुरि बाता दूध-भात की दौनी दैहौं, सोने चोंच मढ़ैहौं जब सिय-सहित विलोकि नयन भरि, राम-लषन उर लैहौं अवधि समीप जानि जननी जिय अति आतुर अकुलानी गनक बोलाइ, पाँय परि पूछति, प्रेम मगन मृदु बानी तेहि अवसर कोउभरत निकट तें, […]