Omkar Rup Shri Gajanan
श्री गणपति वन्दन ओंकार (ॐ) रूप श्री गजानन, प्रत्यक्ष तत्व ब्रह्म स्वरूप कर्ता, धर्ता एवं हर्ता, भगवान् आपके कर्इं रूप तीनों गुण से हो परे आप, योगीजन जिनका ध्यान धरें प्रभु वक्र-तुण्ड लम्बोदर हैं, जो सुमिरें उनका विघ्न टरें ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र, जो जपे कामना सिद्ध करें जो लाल पुष्प द्वारा पूजे, उनके […]
Kalika Kashta Haro He Maa
माँ दुर्गा की स्तुति कालिका कष्ट हरो हे माँ! नील-मणि के सम कांति तुम्हारी, त्रिपुर सुन्दरी माँ चन्द्र मुकुट माथे पर धारे, शोभा अतुलित माँ किया आपने महिषासुर वध, शुंभ निशुंभ विनाश शक्ति न ऐेसी और किसी में, छाया अति उल्लास ऋषि, मुनि, देव समझ ना पाये, महिमा अपरंपार कौन दूसरा जान सके, माँ विश्व […]
Ganapati Gaao Re Vigan Nahi Aayega
श्री गणेश स्तुति गणपति गाओ रे, विघन नहीं आयगा सिद्धि सदन सुर-नर-मुनि वंदित, करता भरता रे, विघन नहीं आएगा ब्रह्मा, विष्णु, महेश तुम्हीं हो, संकट हरता रे, विघन नहीं आयगा कोटि सूर्य सम प्रभा तुम्हारी, बुद्धि प्रदाता रे, विघन नहीं आयगा शंकर-सुवन, पार्वती-नंदन, आनँद मनाओ रे, विघन नहीं आयगा जो जन सुमिरन करे तिहारो, भय […]
Chalo Ri Sakhi Nand Bhawan Ko Jayen
प्रभाती चलोरी सखि, नन्द भवन को जायें मिले श्याम सुन्दर का दर्शन, जीवन की निधि पायें प्रातः काल भयो सखि माँ लाला को रही जगाये उबटन लगा लाल को मैया, अब उसको नहलाये स्नेह भाव जसुमति के मन में, नवनीत उसे खिलाये केश सँवार नयन में काजल, माथे तिलक लगाये रेशम को जामा पहनाकर, स्नेह […]
Chabili Radhe Puje Ri Gangour
गणगौर पूजन छबीली राधे पूजे री गणगौर ललितादिक सब सखियाँ पहुँची वृषभान की पौर पारबती शिवजी को पूजन, श्याम सुन्दर मन मोर सघन कुंज, वृन्दावन अनुपम मिलि गयौ नंद-किसोर ‘नंददास’ प्रभु आय अचानक, घेरी लियो चहुँ ओर
Jay Durge Giriraj Nandini
देवी स्तवन जय दुर्गे गिरिराज नन्दिनी जय अम्बे उज्ज्वल द्युति दामिनि जय भगवती महादेव भामिनी, जय स्कन्द गजानन पालिनि कान्तिमयी दुर्गा महारानी, महामर्दिनी वांछित फल दायिनी हरि, हर ब्रह्मा वेद बखानी, ध्यान धरत सुर-नर-मुनि ज्ञानी विकसित कमल नयन कात्यायिनि, शंख, पद्म कर धरे भवानी सत्चित-सुखमय व्याधि विमोचनि, गदा, चक्र, बाणाकुंश शोभिनि आदि शक्ति चण्डमुण्ड विनाशिनि […]
Jo Param Shant Shri Lakshmikant
श्री नारायण स्तुति जो परम शांत श्री लक्ष्मी-कांत, जो शेष-नाग पर शयन करें वे पद्मनाभ देवाधिदेव, वे जन्म मरण का कष्ट हरें है नील मेघ सम श्याम वर्ण, पीताम्बर जिनके कटि राजे हे अंग सभी जिनके सुन्दर, शोभा पे कोटि मदन लाजे ब्रह्मादि देव अरू योगी जन, जिनका हृदय में धरे ध्यान वे कमल नयन […]
Tha Magh Mas Braj Balayen
चीर हरण था माघ मास ब्रज बालाएँ, यमुना जल में सब स्नान करें होता था ऊषाकाल जभी, श्रीकृष्ण चरित गुणगान करें जल क्रीडा में थी मग्न सभी, तत्काल श्याम वहाँ पहुँच गये अभिलाषा जो उनके मन में, सर्वेश्वर उसको जान गये ले वस्त्र उठा बालाओं के, वे तरु कदम्ब पर चढ़े तभी वे बोले सुन्दरियों […]
Nand Ghar Pragte Anand Kand
श्रीकृष्ण प्राकट्य नन्द घर प्रकटे आनँद कंद हुआ पुत्र यशुमति मैया को, छायो परमानन्द जात कर्म संस्कार हो गया, विपुल दियो है दान भेंट करें सब ग्वाल गोपियाँ, गाये मंगल गान दुन्दुभियाँ भेरी भी बाजे, करें मंगलाचार सजे सभी घर ब्रज मण्डल में, शोभित वन्दनवार आगन्तुक को रोहिणी मैया, करें जहाँ सत्कार नन्दमहल में ऋद्धि […]
Pakari Lehun Sab Jasumati Ko
होली पकरि लेहु सब जसुमति को, लाल चटक यापे रंग डारौ करि रहयो छेड़खानी कबसे, यापे कोऊ न बरजन वारो अरी सखी! हौं तो अलबेली, खेलत फाग में परी अकेली काहु की माने नाहिं तनिक हू, करि रह्यो मोसों ही अठखेली होरी के मिस करै धमाल अरी सखि जातै लेहु छुड़ाय पकरि लेहु झटपट नन्दकुमार, […]