Braj Ke Birahi Log Bichare
वियोग ब्रज के बिरही लोग बिचारे बिन गोपाल ठगे से ठाढ़े, अति दुरबल तनु हारे मात जसोदा पंथ निहारति, निरखति साँझ सकारे सबही कान्ह कान्ह कहि बोलत, अँखियन बहत पनारे यह मथुरा काजर की रेखा, जे निकसे ते कारे ‘परमानंद’ स्वामी बिन ऐसे, ज्यों चंदा बिनु तारे
Bhai Duj Bal Mohan Dou
भाई दूज भाई दूज बल मोहन दोऊ, बहन सुभद्रा के घर आये विविध भाँति श्रृंगार कियो पट भूषण बहुत सुहाये अति प्रसन्न हो भोजन परसे, भाई के मन भाये तत्पश्चात् तिलक बीड़ा दे, बहन अधिक सुख पाये श्रीफल और मिठाई से भाई की गोद भराई ‘रामदास’ प्रभु तुम चिर-जीवौ, दे अशीष हरषाई
Muskan Madhur Mohini Chitwan
श्री राधा कृष्ण स्तवन मुस्कान मधुर, मोहिनी चितवन, राधा गोविंद का हो चिन्तन वृषभानु-कुमारी, नँद-नन्दन, मैं चरण वन्दना करता हूँ मुख नयन कमल से खिले हुए, सिर स्वर्ण चन्द्रिका मोर मुकुट केशर-कस्तूरी तिलक भाल, मैं ध्यान उन्हीं का करता हूँ श्री अंगों की शोभा अनूप, नीलाम्बर पीताम्बर पहने फूलों के गजरे रत्न हार, वह रूप […]
Mohan Ne Murali Adhar Dhari
मुरली का जादू मोहन ने मुरली अधर धरी वृन्दावन में ध्वनि गूंज रही, सुन राधे-स्वर सब मुग्ध हुए कोई न बचा इस जादू से, सबके मन इसने चुरा लिए जड़ भी चैतन्य हुए सुन कर, उन्मत्त दशा पशु पक्षी की जल प्रवाह कालिन्दी में रुक गया, कला ये वंशी की गोपीजन की गति तो विचित्र, […]
Rasotsav Ati Divya Hua Hai
रास लीला रासोत्सव अति दिव्य हुआ है वृन्दावन में रमण-रेती यमुनाजी की, हर्षित सब मन में शरद पूर्णिमा रात्रि, चाँदनी छिटक रही थी प्रेयसियाँ अनुराग रंग में रंगी हुई थी मंडल के बीच राधारानी कुंज बिहारी अभिनय अनुपम, छवि युगल की अति मनहारी रसमय क्रीड़ा देव देवियाँ मुग्ध हुए हैं सभी ग्रहों के साथ चन्द्रमा […]
Vedon Ki Mata Gayatri
वेदमाता गायत्री वेदों की माता गायत्री, सद्बुद्धि हमें कर दो प्रदान महात्म्य अतुल महादेवी का, शास्त्र पुराण करते बखान वरदायिनि देवी का विग्रह, ज्योतिर्मय रवि-रश्मि समान ब्रह्मस्वरूपिणि, सर्वपूज्य, परमेश्वरी की महिमा महान जो विद्यमान रवि-मण्डल में, उन आदि शक्ति को नमस्कार अभिलाषा पूर्ण करें, जप लो, गायत्री-मंत्र महिमा अपार
Shri Krishna Chandra Madhurati Madhur
श्रीकृष्ण का माधुर्य श्री कृष्णचन्द्र मधुरातिमधुर है अधर मधुर मुख-कमल मधुर, चितवनी मधुर रुचि-वेश मधुर है भृकटि मधुर अरु तिलक मधुर, सिर मुकुट मधुर कच कुटिल मधुर है गमन मधुर अरु नृत्य मधुर, नासिका मधुर नखचन्द्र मधुर है रमण मधुर अरु हरण मधुर, महारास मधुर संगीत मधुर है गोप मधुर, गोपियाँ मधुर, संयोग मधुर उद्गार […]
Sakhiyon Ko Sang Liye
नाचे बनवारी सखियों को संग लिये, नाचत बनवारी मन्द मन्द चलत पवन, पूनम को चाँद गगन बाँसुरी बजाये श्यामसुन्दर सुखकारी कंकण किंकिंणी कलाप, गोपीजन मन उमंग मंडल बीच श्याम संग, राधा सुकुमारी बाजे मृदंग ताल, छनन छनन नूपुर-ध्वनि वृन्दावन यमुना-तट, शोभा प्रियकारी
Kabhuk Ho Ya Rahni Rahongo
संत-स्वभाव कबहुँक हौं या रहनि रहौंगो श्री रघुनाथ कृपालु-कृपातें, संत स्वभाव गहौंगो जथा लाभ संतोष सदा, काहू सों कछु न चहौंगो परहित निरत निरंतर मन क्रम वचन नेम निबहौंगो परिहरि देह जनित चिंता, दुख-सुख समबुद्धि सहौंगो ‘तुलसिदास’ प्रभुयहि पथ अविचल, रहि हरि-भगति लहौंगो
Tu Dayalu Din Ho Tu Dani Ho Bhikhari
शरणागति तू दयालु, दीन हौं, तू दानि, हौं भिखारी हौं प्रसिद्ध पातकी, तू पाप – पुंज – हारी नाथ तू अनाथ को, अनाथ कौन मोसो मो समान आरत नहिं, आरतहर तोसो ब्रह्म तू, हौं जीव, तू ठाकुर, हौं चेरो तात, मात, गुरु, सखा तू, सब बिधि हितू मेरो तोहि मोहिं नाते अनेक, मानियै जो भावै […]