Kishori Tere Charanan Ki Raj Pau
श्री श्री राधा महात्म्य किशोरी तेरे चरणन की रज पाऊँ बैठि रहौं कुंजन की कोने, श्याम राधिका गाऊँ जो रज शिव सनकादिक लोचन, सो रज शीश चढाऊँ राधा स्वामिनि की छवि निरखूँ, नित्य विमल यश गाऊँ अद्वितीय सौन्दर्य तुम्हारा, मन-मंदिर बिठलाऊँ
Guru Vishnu Vidhi Mahesh Hai
गुरु वन्दना गुरु विष्णु, विधि महेश हैं, साक्षात् ही परमेश हैं अभिमान का नहीं लेश है, वे ज्ञान रूप दिनेश हैं धर्म की गति है गहन, उसको समझना है अगम गुरु दूर करते मोह माया, दुर्ज्ञेय को करते सुगम भव-सिन्धु को कैसे तरें, दुःख द्वेष का आगार हैं यदि सद्गुरु करूणा करें, समझो कि बेड़ा […]
Gokul Me Bajat Aha Badhaai
श्रीकृष्ण प्राकट्य गोकुल में बाजत अहा बधाई भीर भई नन्दजू के द्वारे, अष्ट महासिद्धि आई ब्रह्मादिक रुद्रादिक जाकी, चरण-रेनु नहीं पाई सो ही नन्दजू के पूत कहावत, कौतुक सुन मोरी माई ध्रुव, अमरीष, प्रह्लाद, विभीषण, नित-नित महिमा गाई सो ही हरि ‘परमानँद’ को ठाकुर, ब्रज प्रसन्नता छाई
Jagat Main Jivan Ke Din Char
नश्वर जीवन जगत में जीवन के दिन चार मिला विवेक प्रभु से हमको, इसका करो विचार फँस मत जाना यहाँ मोह में, सभी कपट व्यवहार किसका तूँ है कौन तुम्हारा, स्वार्थ पूर्ण संसार मानव तन दुर्लभ दुनिया में, कर सेवा उपकार प्रभु से प्रीति लगाले प्यारे, नहीं करें भव-पार
Jasoda Kaha Kahon Hon Baat
लाला की करतूत जसोदा! कहा कहों हौं बात तुम्हरे सुत के करतब मोसे, कहत कहे नहिं जात भाजन फोरि, ढोलि सब गोरस, ले माखन-दधि खात जो बरजौं तो आँखि दिखावै, रंचु-नाहिं सकुचात और अटपटी कहलौं बरनौ, छुवत पान सौं गात दास ‘चतुर्भुज’ गिरिधर-गुन हौं, कहति कहति सकुचात
Jhule Yugal Kishor
झूला झूले युगल किशोर अति आनन्द भरे रस गावत, लेत प्रिया चित चोर कंचन मणि के खम्भ बनाये, श्याम घटा घन घोर पीत वसन दामिनी छवि लज्जित, बोलन लागे मोर रत्न जटित पटली पर बैठे, नागर नन्द किशोर
Dulha Ban Aaya Tripurari
शिव विवाह (राजस्थानी) दूल्हा बणआया त्रिपुरारी पारबती की सखियाँ प्यारी, गावे हिलि मिलि गारी भसम रमाय बाघंबर पहर्यो, गल मुण्डमाला धारी हाथ त्रिशूल बजावत डमरू, नंदी की असवारी भूत पिशाच बराती बणग्या, नाचै दै दै तारी सरप करे फुंकार कण्ठ में, डरप रह्या नर नारी सीस जटा बिच गंगा विहरे, भाल चाँद छबि न्यारी निरखत […]
Nand Mahar Ghar Bajat Badhai
श्रीकृष्ण प्राकट्य नंद महर घर बजत बधाई, बड़े भाग्य जाये सुत जसुदा, सुनि हरषे सब लोग लुगाई भाँति भाँति सो साज साजि सब, आये नंदराय गृह धाई नाचहिं गावहिं हिय हुलसावहिं, भरि-भरि भाण्ड के लई मिठाई भयो अमित आनन्द नंदगृह, करहिं महर सबकी पहुनाई ‘परमानँद’ छयो त्रिभुवन में, चिरजीवहु यह कुँवर कन्हाई
Pitu Matu Sahayak Swami Sakha
प्रार्थना पितु मातु सहायक स्वामी सखा, तुमही एक नाथ हमारे हो जिनके कछु और अधार नहीं, तिनके तुम ही रखवारे हो प्रतिपाल करो सगरे जग को, अतिशय करुणा उर धारे हो भूले हैं हम तुम को, तुम तो, हमरी सुधि नाहिं बिसारे हो शुभ, शान्ति-निकेतन, प्रेमनिधे, मन-मंदिर के उजियारे हो उपकारन को कछु अंत नहीं, […]
Prabhu Rakho Laj Hamari
शरणागति प्रभु! राखो लाज हमारी अमृत बना पिया विष मीरा, चरण-कमल बलिहारी जिन भक्तों ने लिया सहारा, उनकी की रखवारी खोया समय भोग में मैंने, तुमको दिया बिसारी पापी कौन बड़ा मेरे से, तुम हो कलिमल हारी प्रीति-पात्र मैं बनूँ तुम्हारा, संबल दो बनवारी अविनय क्षमा करो नँदनंदन, आया शरण तुम्हारी जो चाहे सो रूप […]