Aao Aao Shyam Hraday Ki Tapan Bujhao

हृदय की तपन आओ आओ श्याम, हृदय की तपन बुझाओ चरण कमल हिय धरो, शोक संताप नसाओ यों कहि रोई फूटि-फूटि के, गोपी सस्वर रहि न सके तब श्याम भये, प्रकटित तहँ सत्वर मदन मनोहर वेष तैं, मनमथ के मनकूँ करत प्रकटे प्रभु तिन मध्य में, शोक मोह हियको हरत

Bin Kaju Aaj Maharaj Laj Gai Meri

द्रोपदी का विलाप बिन काज आज महाराज लाज गई मेरी दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी दुःशासन वंश कठोर, महा दुखदाई खैंचत वह मेरो चीर लाज नहिं आई अब भयो धर्म को नास, पाप रह्यो छाई यह देख सभा की ओर नारि बिलखाई शकुनि दुर्योधन, कर्ण खड़े खल घेरी दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी […]

Nachat Nandlal Madhur Bajat Paijaniya

बालकृष्ण नाचत नंदलाल, मधुर बाजत पैजनियाँ निरखि निरखि हुलसहि हिय, मोहित नँदरनियाँ मणिमय आँगन अनूप, निरखत निज छाँह रूप हँसि हँसि निरखत स्वरूप, करि करि किलकरियाँ निरखि सो अनूप रंग, मो मन अतिसय उमंग पुलकित सब अंग अंग, पग पग रुनझुनियाँ  

Vipin So Aawat Bhawan Kanhai

वन वापसी विपिन सों आवत भवन कन्हाई संग गोप गौअन की टोली और सुघड़ बल भाई गोधूली बेला अति पावन, ब्रज रज वदन सुहाई नील कमल पै जनु केसर की, सोहत अति सुखराई साँझ समय यह आवन हरि की, निरखहिं लोग लुगाई सो छबि निरखन को हमरे हूँ, नयना तरसहिं माई

Muraliya Mat Baje Ab Aur

मुरली का जादू मुरलिया! मत बाजै अब और हर्यौ सील-कुल-मान करी बदनाम मोय सब ठौर रह्यो न मोपै जाय सुनूँ जब तेरी मधुरी तान उमगै हियौ, नैन झरि लागै, भाजन चाहैं प्रान कुटिल कान्ह धरि तोय अधर पर, राधा राधा टेरे रहै न मेरौ मन तब बस में, गिनै न साँझ सवेरे

Nam Liya Prabhu Ka Jisane

सदुपदेश नाम लिया प्रभु का जिसने चाहे साधन और किया न किया जड़ चेतन जग में भी जितने, घट में सम इनको जान सदा परमारथ का नित कार्य किया, चाहे दान किसी को दिया न दिया जिसके घर में हरि चर्चा हो, दिन रात छोड़ दुनियादारी सत्संग कथामृत पान किया, चाहे तीर्थ का नीर पिया […]

Atulit Bal Ke Dham

महावीर वन्दना अतुलित बल के धाम पवनसुत, तेज प्रताप निधान राम जानकी हृदय बिराजै, संकटहर हनुमान अग्रगण्य ज्ञानी अंजनि-सुत, सद्गुण के हो धाम अजर अमर हो सिद्धि प्रदाता, रामदूत अभिराम कंचन वर्ण आपके वपु का, घुँघराले वर केश हाथों में है वज्र, ध्वजा अरु अति विशिष्ट है वेश गमन आपका मन सदृश है, छोह करे […]

Ayodhya Durjan Dosh Hare

अयोध्या अयोध्या दुर्जय दोष हरे परमधाम साकेत राम का, शान्ति प्रदान करे सरयू-जल में स्नान ध्यान से, मन का मैल जरे स्मरण राम की लीलाओं का, मन को मुदित करे मनः बुद्धि निर्मल हो जाए, राघव कृपा करे 

Anand Kand Shri Krishna Chandra

श्रीकृष्ण सौन्दर्य आनन्दकन्द श्री कृष्णचन्द्र, सिर मोर-मुकुट की छवि न्यारी मुसकान मधुर चंचल चितवन, वह रूप विलक्षण मनहारी कटि में स्वर्णिम पीताम्बर है, शोभा अपूर्व अति सुखकारी जो कामकला के सागर हैं, नटनागर यमुना-तट चारी वंशी की मधुर ध्वनि करते, संग में श्री राधा सुकुमारी गोवर्धन धारण की लीला, वर्णनातीत अति प्रियकारी कालियानाग के मस्तक […]

Kab Aaoge Krishna Murare

प्रतीक्षा कब आओगे कृष्ण मुरारे, आस में बैठी पंथ निहारूँ सूरज डूबा साँझ भी आई, दर पे खड़ी हूँ आस लगाये रात हुई और तारे निकले, कब आओगे कृष्ण मुरारे आधी रात सुनसान गली है, मैं हूँ अकेली गगन में तारे जागा सूरज सोए तारे, कब आओगे कृष्ण मुरारे भोर भई जग सारा जागा, हुआ […]