Biraj Main Holi Ki Hai Dhum
होली बिरज में होली की है धूम लेकर हाथ कनक पिचकारी, यहाँ खड़ें हैं कृष्ण मुरारी, उतते आई गोपकुमारी, पकड़ लियो झट से बनवारी मुख पर मल दी तभी गुलाल, बिरज में होली है अब आई वृजभानु-दुलारी, और साथ में सखियाँ न्यारी, घेर लियो फिर नँद-नंदन को, पहना दी रेशम की सारी रंग दियो श्याम […]
Bharoso Bas Tero Giridhari
भक्त के भगवान भरोसो बस तेरो गिरिधारि मघवा प्रेरित घनी वृष्टि से, ब्रज को लियो उबारी अम्बरीष, प्रहलाद, विभीषण, ध्रुव के प्रभु रखवारी पार्थ-सारथी, पाण्डुवंश की, घोर विपत्ति निवारी शर-शय्या पे गंगा-सुत को दर्शन दियो मुरारी गज को ग्राह ग्रस्यो जल भीतर, कष्ट हर्यो बनवारी नहीं दीखती किरण आस की, घिरी रात अँधियारी श्याम पतित […]
Mathe Par Gagar Dhar Paniya Bharan Chanli
कन्हैया का जादू माथे पर गागर धर पनिया भरन चली जमना के तीर सुन वेणु को अटकी नंदजी को लाल प्यारो, कदंब के नीचे ठाड़ो अँखियन की चोट मेरे, हिय माँह खटकी एक घरी बीत गई, तन की सुध ना रही ठगोरीसी ठाड़ी भई, छूटी कर मटकी मोहन को रूप निरख, प्रेम को प्रवाह चल्यो […]
Mope Kirpa Karo Giridhari
शरणागति मोपे किरपा करो गिरिधारी! मैं आई शरण तुम्हारी मैं हूँ अभागिन भाग जगाओ, डूबती नैया पार लगाओ दुखिया के हो तुम दुखहारी, कोई न जाने पीर हमारी अपनों से भी हुई पराई, अपनी विपदा उन्हें सुनाई सबने ही जब बात बनाई, रो रो कर के तुम्हें पुकारी तुम्हरे बिन कोई सुने न मोरी, तुम […]
Ram Sumir Ram Sumir
माया राम सुमिर, राम सुमिर, यही तेरो काज रे माया को संग त्याग, प्रभुजी की शरण लाग मिथ्या संसार सुख, झूठो सब साज रे सपने में धन कमाय, ता पर तूँ करत मान बालू की भीत जैसे, दुनिया को साज रे ‘नानक’ जन कहत बात, बिनसत है तेरो गात छिन-छिन पर गयो काल, तैसे जात […]
Vrandavan Saghan Kunj
युगल विहार वृन्दावन सघन कुंज माधुरी द्रुम भँवर गुंज नित विहार प्रिया प्रीतम, देखिबौई कीजै गौर श्याम युगल वर्ण, सुन्दर अति चित्त चोर निरखि निरखि रूप सुधा, नैनन भर पीजै सखियन संग करत गान, सारँग सुर लेत तान मंद मंद मधुर मधुर, सुनि सुनि सुख लीजै
Shyam Sundar Mathura Jayen
मथुरा गमन श्याम सुन्दर मथुरा जायें क्रूर बने अक्रूर, प्राणधन को लेने आये बिलख रही है राधारानी, धैर्य बँधाये कोई आने लगीं याद क्रीड़ाएँ, सुध-बुध सबने खोई प्यारी चितवन, मुख मण्डल को, देख गोपियाँ जीतीं संभावित मोहन वियोग से, कैसी उन पर बीती चित्त चुराया नेह लगाया, वही बिछुड़ जब जाये वाम विधाता हुआ सभी […]
Sandesha Shyam Ka Le Kar
गोपियों का वियोग संदेशा, श्याम का लेकर, उधोजी ब्रज में आये हैं कहा है श्यामसुन्दर ने गोपियों दूर मैं नहीं हूँ सभी में आत्मवत् हूँ मैं, चेतना मैं ही सबकी हूँ निरन्तर ध्यान हो मेरा, रखो मन पास में मेरे वृत्तियों से रहित होकर, रहोगी तुम निकट मेरे गोपियों ने कहा ऊधो, सिखाते योग विद्या […]
Aiso Ko Udar Jagmahi
राम की उदारता ऐसो को उदार जग माहीं बिनु सेवा जो द्रवै दीन पर, राम सरिस कोउ नाहीं जो गति जोग बिराग जतन करि, नहिं पावत मुनि ग्यानी सो गति देत गीध सबरी कहँ, प्रभु न बहुत जिय जानी जो संपत्ति दस सीस अरपि करि रावन सिव पहँ लीन्हीं सोई संपदा विभीषन कहँअति, सकुच सहित […]
Jhulat Ram Palne Sohe
झूला झूलत राम पालने सोहैं, भूरि-भाग जननीजन जोहैं तन मृदु मंजुल मे चकताई, झलकति बाल विभूषन झाँई अधर – पानि – पद लोहित लोने, सर – सिंगार – भव सारस सोने किलकत निरखि बिलोल खेलौना, मनहुँ विनोद लरत छबि छौना रंजित – अंजन कंज – विलोचन, भ्रातज भाल तिलक गोरोचन लस मसिबिंदु बदन – बिधुनीको, […]