Sajanwa Nainan Mere Tumhari Aur

हरि दर्शन सजनवा नैनन मेरे तुमरी ओर विरह कमण्डल हाथ लिये हैं, वैरागी दो नैन दरस लालसा लाभ मिले तो, छके रहे दिन रैन विरह भुजंगम डस गया तन को, मन्तर माने न सीख फिर-फिर माँगत ‘कबीर’ है, तुम दरशन की भीख

Nek Thaharija Shyam Bat Ek Suni Ja Mori

राधा के श्याम नेंक ठहरि जा श्याम! बात एक सुनि जा मेरी दौर्यो जावै कहाँ, दीठि चंचल अति तोरी ब्रज में मच्यो चवाउ, बात फैली घर-घर में कीरति रानी लली धँसी है, तेरे उर में निज नयननि निरख्यो न कछु, सुन्यो सुनायो ही कह्यो गोरी भोरी छोहरी, को चेरो तू बनि गयो

Jiwan Ke Jiwan Manmohan

श्रीकृष्ण भजन जीवन के जीवन मनमोहन, वरना मृत्यु समान उनके भजन बिना यह जीवन केवल है श्मशान चलती फिरती दिखे देह जो, उसे प्रेत लो जान व्यर्थ ही इसको नित्य सजाये, आखिर तो अवसान मिला विवेक प्रभु से हमको, उनका कर गुणगान  

Rup Rasi Shri Radha Rani

श्री राधा रूपरासि श्री राधा रानी मोहन की मन मोहिनि भामिनि, सखियन की स्वामिनी सुखदानी कनक कान्ति कमनीय कलेवर, तापै नील निचोल सुहानी चंद्रवदन पे चारु चन्द्रिका, चहुँ दिसि अहो छटा छिटकानी कनक करधनी सोहै अनुपम, रतन जटित नहिं जात बखानी पायन की पायल की रुनझुन, सुनि मुनिजन की मति बौरानी मोहन हूँ की सोहनी […]

Bana Do Vimal Buddhi Bhagwan

विमल बुद्धिबना दो विमल बुद्धि भगवान् तर्कजाल सारा ही हर लो, हरो द्वेष अभिमान हरो मोह, माया, ममता, मद, मत्सर, अपना जान कलुष काम-मति, कुमति हरो हरि, हरो त्वरित अज्ञान दम्भ, दोष, दुर्नीति हरण कर, करो सरलता दान भरदो हृदय भक्ति-श्रद्धा से, करो प्रेम का दान  

Nath Kaise Bali Ghar Yachan Aaye

वामन अवतार नाथ कैसे बलि घर याचन आये बलिराजा रणधीर महाबल, इन्द्रादिक भय खाये तीन लोक उनके वश आये, निर्भय राज चलाये वामन रूप धरा श्री हरि ने, बलि के यज्ञ सिधाये तीन चरण पृथ्वी दो राजन! कुटिया चाहूँ बनायें बलि ने दान दिया जैसे ही तत्क्षण रूप बढ़ाये तीन लोक में पैर पसारे, बलि […]

Antarman Se Karu Archana

गायत्री स्तवन अन्तर्मन से करूँ, अर्चना हे गायत्री माता जपे आपका महामंत्र, वह सभी सिद्धियाँ पाता अनुपम रूप आपका माता, वर्णन हो नहीं पाता महिमा अपरम्पार आपकी, भक्तों की हो त्राता दिव्य तेज की एक किरण से, मन प्रकाश भर जाता

Abhiman Vyakti Ka Patan Kare

अभिमान अभिमान व्यक्ति का पतन करे धन, बुद्धि, विद्या, पद का हो, अभिमान व्यक्ति का ज्ञान हरे अपमान करे कोई का जो, वह बीज द्वेष का बोता है परमात्म तत्त्व ही आत्मा तो, आत्मा का अनादर होता है हम क्षमा मैत्री का भाव रखें, हम अहंकार से दूर रहें सन्मति से शत्रु मित्र बने, हो […]

Adhyatmik Jivan Ko Jiye

अध्यात्म चिंतन आध्यात्मिक जीवन को जीये, सुख शांति सुलभ होगी अपार धन दौलत अथवा विषय भोग की, लिप्सा में कोई न सार तृष्णा का अन्त नहीं आता, बेचैन सदा ही मन रहता संपत्ति सुखों के चक्कर में, आशाओं से मन नहिं भरता जहाँ ममता, चाह, अहं न रहे, निस्पृह होकर विचरण करते तब शांति सुलभ […]

Kanhaiya Murali Tan Sunaye

मुरली-माधुरी कन्हैया मुरली तान सुनाये ब्रज बालाओं को गृहस्थ सुख, नहीं तनिक भी भाये दही बिलोना खाना पीना, सभी तभी छुट जाये वेणु-रव चित की वृतियों को, वृन्दावन ले जाये मनमोहक श्रृंगार श्याम का, हृदय-देश में आये धन्य बाँस की बाँसुरिया धर, अधर सरस स्वर गाये