Aaj Ayodhya Ki Nagari Main
अयोध्या में शिव आज अजोध्या की नगरी में, घूमे जोगी मतवाला अलख निरंजन खड़ा पुकारे, देखूँगा दशरथ-लाला शैली सिंगी लिये हाथ में, अरु डमरू त्रिशूल लिये छमक छमा-छम नाचे जोगी, दरसन की मन चाह लिये पग के घुँघरू रुनझुन बाजे, शोभा अतिशय मन हारी बालचन्द्र मस्तक पे राजे, सर्पों की माला धारी अंग भभूत रमाये […]
Raghav Sarayu Tat Par Viharen
सरयू तट राघव सरयू तट पर विहरें भरत लक्ष्मण और शत्रुघन, सब आनन्द भरें पुष्पों की सुन्दर मालाएँ, सबही कण्ठ धरें मन्द मन्द मुसकान अधर पे, शोभा चित्त हरे कल कल ध्वनि सरयू के जल की, सबके मन हरषे देव-देवियाँ सभी गगन से, सुमन बहुत बरषे
Kali Nam Kam Taru Ram Ko
राम स्मरण कलि नाम कामतरु राम को दलनिहार दारिद दुकाल दुख, दोष घोर धन धाम को नाम लेत दाहिनों होत मन वाम विधाता वाम को कहत मुनीस महेस महातम, उलटे सूधे नाम को भलो लोक – परलोक तासु जाके बल ललित – ललाम को ‘तुलसी’ जग जानियत नामते, सोच न कूच मुकाम को
Bharat Bhai Kapi Se Urin Ham Nahi
कृतज्ञता भरत भाई कपि से उऋण हम नाहीं सौ योजन मर्याद सिन्धु की, लाँघि गयो क्षण माँही लंका-जारि सिया सुधि लायो, गर्व नहीं मन माँही शक्तिबाण लग्यो लछमन के, शोर भयो दल माँही द्रोणगिरि पर्वत ले आयो, भोर होन नहीं पाई अहिरावण की भुजा उखारी, पैठि गयो मठ माँही जो भैया, हनुमत नहीं होते, को […]
Aaj Sakhi Raghav Ki Sudhi Aai
स्मृति आज सखि! राघव की सुधि आई आगे आगे राम चलत है, पीछे लक्ष्मण भाई इनके बीच में चलत जानकी, चिन्ता अधिक सताई सावन गरजे भादों बरसे,पवन चलत पुरवाई कौन वृक्ष तल भीजत होंगे, राम लखन दोउ भाई राम बिना मोरी सूनी अयोध्या, लक्ष्मण बिन ठकुराई सीता बिन मोरी सूनी रसोई, महल उदासी छाई
Ram Ka Gungan Kariye
श्री राम महिमा राम का गुणगान करिए राम के गुण का हो चिंतन, राम-गुण का स्मरण कीर्तन, मनुजता को हृदय में धर, आप जीवन सफल करिए, मनन करिए, ध्यान धरिए, राम का…. सगुण ब्रह्म स्वरूप सुंदर, सृजन, पालन चरित सुखकर, परम-आत्मा, जगत्-आत्मा, राम को प्रणाम करिये, मनन करिए ध्यान धरिए, राम का….
Kahan Ke Pathik Kahan Kinh Hai Gavanwa
परिचय कहाँ के पथिक कहाँ, कीन्ह है गवनवा कौन ग्राम के, धाम के वासी, के कारण तुम तज्यो है भवनवा उत्तर देस एक नगरी अयोध्या, राजा दशरथ जहाँ वहाँ है भुवानवा उनही के हम दोनों कुँवरावा , मात वचन सुनि तज्यो है भवनवा कौन सो प्रीतम कौन देवरवा ! साँवरो सो प्रीतम गौर देवरवा ‘तुलसिदास’ […]
Man Pachite Hai Avsar Bite
नश्वर माया मन पछितै है अवसर बीते दुरलभ देह पाइ हरिपद भजु, करम, वचन अरु हीते सहसबाहु, दसवदन आदि नृप, बचे न काल बलीते हम-हम करि धन-धाम सँवारे, अंत चले उठि रीते सुत-बनितादि जानि स्वारथ रत, न करू नेह सबही ते अंतहुँ तोहिं तजैंगे पामर! तू न तजै अब ही ते अब नाथहिं अनुरागु, जागु […]
Utrai Le Lo Kewat Ji
केवट का प्रेम (राजस्थानी) उतराई ले लो केवटजी, थाँरी नाव की चरण पकड़ यूँ केवट बोल्यो, सुणो राम रघुराई थाँरी म्हारी जात न न्यारी, ल्यूँ कइयाँ उतराई धोबी सूँ धोबी ना लेवे, कपड़ो लेत धुलाई नाई सूँ नाई ना लेवे, बालाँ की कतराई थे केवट हो भवसागर का, म्हारे नदी तलाई जब मैं आऊँ घाट […]
Ram Nam Ke Do Akshar
राम नाम महिमा राम नाम के दो अक्षर, पापों का, सुनिश्चित शमन करें विश्वास और श्रद्धापूर्वक, जपले भवनिधि से पार करें हो कामकाज चलते बैठे, बस राम नाम उच्चारण हो भोगे न यातना यम की वह और परम शान्तिमय जीवन हो दो अक्षर हैं ये मन्त्रराज, जो जपे कार्य सब सफल करे देवता लोग, सब […]