Anurag Mai Vardan Mai
भारत माता अनुरागमयी वरदानमयी भारत जननी भारत माता! मस्तक पर शोभित शतदल सा, यह हिमगिरि है शोभा पाता नीलम-मोती की माला सा, गंगा-यमुना जल लहराता वात्सल्यमयी तू स्नेहमयी, भारत जननी भारत माता सूरज की सुनहरी किरणों से गूंथी लेकर के मालाएँ सौंदर्यमयी श्रृंगारमयी, भारत जननी भारत माता तेरे पग पूजन को आतीं, सागर लहरों की […]
Nav Se Kar Do Ganga Paar
केवट का मनोभाव नाव से कर दो गंगा पार भाग्यवान् मैं हूँ निषाद प्रभु लेऊ चरण पखार जब प्रभु देने लगे मुद्रिका जो केवट का नेग बोला केवट प्रभु दोनों की जाति ही भी तो एक चरण कमल के आश्रित हूँ प्रभु करो न लोकाचार भवसागर के आप हो केवट करना मुझको पार
Sanakadik Devon Ke Purvaj
श्री सनकादि का उपदेश सनकादिक देवों के पूर्वज, ब्रह्माजी के मानस ये पूत मन में जिनके आसक्ति नहीं, वे तेजस्वी प्रज्ञा अकूत है सदुपदेश उनका ये ही ‘धन इन्द्रिय-सुख के हों न दास’ पुरुषार्थ चतुष्टय उपादेय, सद्भाव, चरित का हो विकास विद्या सम कोई दान नहीं, सत् के समान तप और नहीं आसक्ति सदृश न […]
Ayodhya Durjan Dosh Hare
अयोध्या अयोध्या दुर्जय दोष हरे परमधाम साकेत राम का, शान्ति प्रदान करे सरयू-जल में स्नान ध्यान से, मन का मैल जरे स्मरण राम की लीलाओं का, मन को मुदित करे मनः बुद्धि निर्मल हो जाए, राघव कृपा करे
Patit Pawani Narmade
नर्मदा वंदन पतित पावनि नर्मदे, भव-सिन्धु से माँ तार दे जो यश बखाने आपका, आगम, निगम, सुर, शारदे फोड़कर पाताल, तुम बह्ती धुआँ की धार दे है नाव मेरी भँवर में, अब पुण्य की पतवार दे बज रहे नूपुर छमाछम, ज्यों बँधे हो पाँव में मंद कल-कल गुँजता, स्वर पंथ के हर गाँव में सतपुड़ा […]
Janak Mudit Man Tutat Pinak Ke
धनुष भंग जनक मुदित मन टूटत पिनाक के बाजे हैं बधावने, सुहावने सुमंगल-गान भयो सुख एकरस रानी राजा राँक के दुंदभी बजाई, सुनि हरषि बरषि फूल सुरगन नाचैं नाच नाय कहू नाक के ‘तुलसी’ महीस देखे दिन रजनीस जैसे सूने परे सून से, मनो मिटाय आँक के
Aashadh Mas Ki Poonam Thi
महर्षि व्यास आषाढ़ मास की पूनम थी, तब व्यास देव का जन्म हुआ वेदों के मंत्रों, सूक्तों को, संहिता रूप से पिरो दिया पुराण अठारह उप-पुराण में, वेदों का विस्तार किया महाभारत द्वारा भारत का, सांस्कृतिक कोष निर्माण किया साहित्य समृद्ध इतना उनका, गुरु पद से उनको मान दिया भगवान व्यास के हम कृतज्ञ, उनको […]
Pawan Mand Sugandh Shital
श्री बद्रीनाथ स्तवन पवन मंद सुगंध शीतल, हेम मन्दिर शोभितम् नित निकट गंगा बहति निर्मल, श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम् शेष सुमिरन करत निशिदिन, ध्यान धरत महेश्वरम् श्री वेद, ब्रह्मा करत स्तुति, श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम् इन्द्र, चन्द्र, कुबेर, दिनकर, धूप दीप निवेदितम् सिद्ध मुनिजन करत जय जय, श्रीबद्रीनाथ विश्वम्भरम् शक्ति, गौरी, गणेश, शारद, नारद मुनि उच्चारणम् योग ध्यान […]
Janani Main Na Jiu Bin Ram
भरत की व्यथा जननी मैं न जीऊँ बिन राम राम लखन सिया वन को सिधाये, राउ गये सुर धाम कुटिल कुबुद्धि कैकेय नंदिनि, बसिये न वाके ग्राम प्रात भये हम ही वन जैहैं, अवध नहीं कछु काम ‘तुलसी’ भरत प्रेम की महिमा, रटत निरंतर नाम
Krishna Priya Jamuna Maharani
श्री यमुना स्तवन कृष्ण-प्रिया जमुना महारानी श्यामा वर्ण अवस्था षोडश सुन्दर रूप न जाय बखानी नयन प्रफुल्लित अम्बुज के से, नुपूर की झंकार सुहानी नीली साड़ी शोभित करधनी मोतियन माल कण्ठ मनभानी स्वर्ण रत्न निर्मित दो कुण्डल, दिव्य दीप्ति जिसकी नहीं सानी आभूषण केयूर आदि की,असीमित शोभा सुखद सुहानी देवी का सौन्दर्य मनोहर, धरे हृदय […]