Manmohan Shyam Hamara

श्याम की पाती मनमोहन श्याम हमारा निर्मल नीरा जमुन को त्याग्यौ, जाय पियौ जल खारा आप तो जाय द्वारका छाए, हमें छाँड़ि माझ धारा लिखि लिखि पाती भेजुँ स्याम कूँ, बाँचौ प्रीतम प्यारा ‘मीराँ’ के प्रभु हरि अविनासी, जीवन प्राण आधारा

Mhane Chakar Rakho Ji

चाकर राखो म्हाने चाकर राखोजी, गिरधारी म्हाने चाकर राखोजी चाकर रहस्यूँ बाग लगास्यूँ, नित उठ दरसण पास्यूँ वृन्दावन की कुंज गलिन में, थारी लीला गास्यूँ चाकरी में दरसण पास्यूँ, सुमिरण पाऊँ खरची भाव भगति जागीरी पास्यूँ, तीनूँ बाताँ सरसी मोर मुकुट पीताम्बर सोहे, गल बैजन्ती माला वृन्दावन में धेनु चरावे, मोहन मुरली वाला हरे-हरे नित […]

Shyam Main To Thare Rang Rati

श्याम से प्रीति स्याम मैं तो थाँरे रँग राती औराँ के पिय परदेस बसत हैं, लिख लिख भेजे पाती मेरा पिया मेरे हिरदे बसत है, याद करूँ दिन राती भगवा चोला पहिर सखीरी, मैं झुरमट रमवा जाती झुरमुट मे मोहिं मोहन मिलिया, उण से नहिं सरमाती और सखी मद पी पी माती, बिन पिये मैं […]

Bin Kaju Aaj Maharaj Laj Gai Meri

द्रोपदी का विलाप बिन काज आज महाराज लाज गई मेरी दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी दुःशासन वंश कठोर, महा दुखदाई खैंचत वह मेरो चीर लाज नहिं आई अब भयो धर्म को नास, पाप रह्यो छाई यह देख सभा की ओर नारि बिलखाई शकुनि दुर्योधन, कर्ण खड़े खल घेरी दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी […]

Re Man Krishna Nam Jap Le

श्री कृष्ण स्मरण रे मन कृष्ण नाम जप ले भटक रहा क्यों इधर उधर तू, कान्ह शरण गह ले जनम मरण का चक्कर इससे, क्यों न मुक्त हो जाये यह संसार स्वप्न के जैसा, फिर भी क्यों भरमाये जिनको तू अपना है कहता, कोई भी नहीं तेरा मनमोहन को हृदय बिठाले, चला चली जग फेरा

Brajraj Aaj Pyare Meri Gali Me Aana

श्याम का सौन्दर्य ब्रजराज आज प्यारे मेरी गली में आना तेरी छबि मनोहर मुझको झलक दिखाना सिर मोर मुकुट राजे, बनमाल उर बिराजे नूपुर चरण में बाजे, कर में कड़ा सुहाना कुंडल श्रवण में सोहे, बंसी अधर धरी हो तन पीत वसन शोभे, कटि मेखला सजाना विनती यही है प्यारे, सुन नंद के दुलारे ‘ब्रह्मानंद’ […]

Kanhaiya Pe Tan Man Lutane Chali

समर्पण कन्हैया पे तन मन लुटाने चली भूल गई जीवन के सपने, भूल गई मैं जग की प्रीति, साँझ सवेरे मैं गाती हूँ, कृष्ण-प्रेम के मीठे गीत अब अपने को खुद ही मिटाने चली, कन्हैया पे तन मन लुटाने चली लिखा नहीं है भाग्य में मिलना, पर मैं मिलने जाती हूँ, दुःख के सागर में […]

Gokul Me Bajat Aha Badhaai

श्रीकृष्ण प्राकट्य गोकुल में बाजत अहा बधाई भीर भई नन्दजू के द्वारे, अष्ट महासिद्धि आई ब्रह्मादिक रुद्रादिक जाकी, चरण-रेनु नहीं पाई सो ही नन्दजू के पूत कहावत, कौतुक सुन मोरी माई ध्रुव, अमरीष, प्रह्लाद, विभीषण, नित-नित महिमा गाई सो ही हरि ‘परमानँद’ को ठाकुर, ब्रज प्रसन्नता छाई 

Tan Man Se Gopiyan Priti Kare

व्यथित गोपियाँ तन मन से गोपियाँ प्रीति करें, यही सोच कर प्रगटे मोहन कटि में पीताम्बर वनमाला और मोर मुकुट भी अति सोहन कमनीय कपोल, मुस्कान मधुर, अद्वितीय रूप मोहन का था उत्तेजित कर तब प्रेम भाव जो परमोज्ज्वल अति पावन था वे कण्ठ लगे उल्लास भरें, श्रीकृष्ण करें क्रीड़ा उनसे वे लगीं सोचने दुनियाँ […]

Nand Ko Lal Chale Go Charan

गोचारण नंद को लाल चले गोचारन, शोभा कहत न आवे अति फूली डोलत नंदरानी, मोतिन चौक पुरावे विविध मूल्य के लै आभूषण, अपने सुत पहिरावे आनँद में, भर गावत मंगल गीत सबहिं मन भावे घर घर ते सब छाक लेत है, संग सखा सुखदाई गौएँ हाँक आगे कर लीनी, पाछे मुरली बजाई कुण्डल लाल कपोलन […]