Chalo Ri Sakhi Nand Bhawan Ko Jayen
प्रभाती चलोरी सखि, नन्द भवन को जायें मिले श्याम सुन्दर का दर्शन, जीवन की निधि पायें प्रातः काल भयो सखि माँ लाला को रही जगाये उबटन लगा लाल को मैया, अब उसको नहलाये स्नेह भाव जसुमति के मन में, नवनीत उसे खिलाये केश सँवार नयन में काजल, माथे तिलक लगाये रेशम को जामा पहनाकर, स्नेह […]
Tan Man Pe Manhar Ne Rang Diyo Dar
होली तन मन पे मनहर ने रंग दियो डार गात सखी पल भर में मेरा भिगोया, चीर दियो फार पीछे से छुपके आये और लियो प्यार मैं क्या से क्या हो गई, वो कुछ न सकी जान नैनो में नैन डाल, लूट लियो प्रान होली फिर गाने लगा, हृदय का तार हाथों में रंग रहा, […]
Nand Nandan Bado Natkhati Hai
नटखट कन्हैया नँदनंदन बड़ो नटखटी है मैं दधिमाखन बेचन जाऊँ, पथ रोक ले मेरो धाय के जो नहीं देऊँ मैं माखन तो,वो लूट ले आँख दिखाय के जब भी घर से बाहर जाऊँ, चुपके से घर में आय के तब ग्वाल-बाल को संग में ले, मटको फोड़े दधि खाय के घर की भी सुधि नहीं […]
Vanshi Vat Jamuna Ke Tat Par
होली वंशी-वट जमुना के तट पर, श्याम राधिका खेले होरी ग्वाल-बाल संग में गिरिधारी, सज आई बृजभानु दुलारी संग लिये ब्रजवाल, खेल रहे होरी पिचकारी भर रंग चलावैं, भर भर मूठ गुलाल उड़ावैं धरा गगन भये लाल, खेल रहे होरी केसर कुंकुम और अरगजा, मलै परस्पर श्याम भानुजा बाढ्यो प्रेम विशाल, खेल रहे होरी लाल […]
Bhai Duj Bal Mohan Dou
भाई दूज भाई दूज बल मोहन दोऊ, बहन सुभद्रा के घर आये विविध भाँति श्रृंगार कियो पट भूषण बहुत सुहाये अति प्रसन्न हो भोजन परसे, भाई के मन भाये तत्पश्चात् तिलक बीड़ा दे, बहन अधिक सुख पाये श्रीफल और मिठाई से भाई की गोद भराई ‘रामदास’ प्रभु तुम चिर-जीवौ, दे अशीष हरषाई
Maine Mehandi Rachai Krishna Nam Ki
श्रीकृष्ण से प्रीति मैंनें मेंहदी रचाई कृष्ण नाम की, मैंने बिंदिया सजाई कृष्ण नाम की मेरी चूड़ियों में कृष्ण, मेरी चुनरी में कृष्ण, मैंने नथनी घढ़ाई कृष्ण नाम की मेरे नयनों में गोकुल, वृंदावन, मेरे प्राणों में मोहन मन-भावन मेरे होठों पे कृष्ण, मेरे हृदय में कृष्ण, मैंने ज्योति जगाई कृष्ण नाम की अब छाया […]
Shri Krishna Chandra Sab Main Chaye
सर्वेश्वर श्रीकृष्ण श्री कृष्णचन्द्र सब में छाये जड़ चेतन प्राणीमात्र तथा कण कण में वही समाये जो महादेव के भक्त करे, गुणगान स्तुति उसमें ये विघ्नेश्वर गणपति रूप धरे, विघ्नों का नाश कर देते हम दुर्गाजी का पाठ करें, होते प्रसन्न उससे भी ये सद्बुद्धि देते सूर्यदेव, उनमें भी प्रकाशित तो ये चाहे पूजें किसी […]
Ab To Sanjh Bit Rahi Shyam
होली अब तो साँझ बीत रही श्याम, छोड़ो बहियाँ मोरी तुम ठहरे ब्रजराज कुँवरजी, हम ग्वालिन अति भोरी आनंद मगन कहूँ मैं मोहन,अब तो जाऊँ पौरी लाज बचेगी मोरी सास, ननद के चुपके छाने, तुम संग खेली होरी अँगुली पकरत पहुँचो पकरयो और करी बरजोरी हम हैं ब्रज की छोरी मीठी-मीठी तान बजाकर, लेन सखिन […]
Kaha Pardesi Ko Patiyaro
वियोग कहापरदेसी कौ पतियारौ प्रीति बढ़ाई चले मधुबन कौ, बिछुरि दियौ दुख भारौ ज्यों जल-हीन मीन तरफत त्यौं, व्याकुल प्राण हमारौ ‘सूरदास’ प्रभु गति या ब्रज की, दीपक बिनु अँधियारौ
Chadi Man Hari Vimukhan Ko Sang
प्रबोधन छाड़ि मन, हरि-विमुखन को संग जिनके संग कुमति उपजत है, परत भजन में भंग कहा होत पय-पान कराए, विष नहिं तजत भुजंग कागहिं कहा कपूर चुगाए, स्वान न्हवाए गंग खर कौं कहा अरगजा-लेपन मरकट भूषन अंग गज कौं कहा सरित अन्हवाए, बधुरि धरै वह ढंग पाहन पतित बान नहिं बेधत, रीतो करत निषंग ‘सूरदास’ […]