Aaya Sharan Tumhari Prabhu Ji
शरणागति आया शरण तुम्हारी प्रभुजी, रखिये लाज हमारी कनकशिपु ने दिया कष्ट, प्रह्ललाद भक्त को भारी किया दैत्य का अंत तुम्हीं ने, भक्तों के हितकारी ग्रस्त हुआ गजराज ग्राह से, स्तुति करी तुम्हारी आर्तस्तव सुन मुक्त किया, गज को तुमने बनवारी पांचाली की लगा खींचने, जब दुःशासन सारी किया प्रवेश चीर में उसके, होने दी […]
Kirtan Se Man Shanti Pate
कीर्तन महिमा कीर्तन से मन:शांति पाते प्रभु के स्वरूप का चिन्तन हो, आनन्दरूप मन में आते अनुभूति प्रेम की हो जाये, तो भक्ति स्वतः मिल जाती है अपनापन होने से ही तो, माँ हमको प्यारी लगती है तन्मयता से जब कीर्तन हो, तो हरि से लौ लग जायेगी सब छुट जायेगा राग द्वेष, प्रभु-प्रीति ही […]
Jagat Main Jivan Ke Din Char
नश्वर जीवन जगत में जीवन के दिन चार मिला विवेक प्रभु से हमको, इसका करो विचार फँस मत जाना यहाँ मोह में, सभी कपट व्यवहार किसका तूँ है कौन तुम्हारा, स्वार्थ पूर्ण संसार मानव तन दुर्लभ दुनिया में, कर सेवा उपकार प्रभु से प्रीति लगाले प्यारे, नहीं करें भव-पार
Jo Bit Gaya So Bit Gaya
हरि भजन जो बीत गया सो बीत गया, पल भर भी वापस नहीं आये बहुमूल्य समय धन से बढ़कर, आदर उसका हम कर पाये यह समय काल है वास्तव में, सबकी जो प्रतिपल उम्र हरे जो करे समय का सदुपयोग तो, मानो उस पर विजय करे घर बार धनार्जन कार्यों से अवकाश निकाले नित्य आप […]
Devi Usha Jyotirmai
विनती देवि उषा! ज्योतिर्मयी, तुम प्रेरक सत्कर्म सत्पथ पर हों अग्रसर अडिग रहे निज धर्म सूर्यदेव! गायत्री से करूँ आपका ध्यान निष्ठा होए इष्ट में, करें आप कल्याण हे प्रभु प्रेम विभोर हो, जपूँ आपका नाम नयन अश्रु विगलित रहे, सेवा हो निष्काम असत्, तिमिर अरु मृत्यु का, करो सर्वथा नाश सत्य, ज्ञान, अमृतत्व दो, […]
Pitaron Ka Shradha Avashya Kare
पितृ-श्राद्ध पितरों का श्राद्ध अवश्य करें श्रद्धा से करे जो पुत्र पौत्र, वे पितरों को सन्तुष्ट करें जो देव रुद्र आदित्य वसु, निज ज्ञान-शक्ति के द्वारा ही किस योनी में उत्पन्न कहाँ, कोई देव जानते निश्चय ही ये श्राद्ध वस्तु देहानुरूप, दे देते हैं उन पितरों को विधि पूर्वक होता श्राद्ध कर्म, आशीष सुलभ सन्तानों […]
Prabhu Ne Vedon Ko Pragat Kiya
चतुर्वेद महिमा प्रभु ने वेदों को प्रगट किया भगवान् व्यास ने वेदों को देकर हम पर उपकार किया ऋग्वेद के द्वारा निस्संदेह, विज्ञान सृष्टि को जान सके हम यजुर्वेद का मनन करें, क्या अन्तरिक्ष पहचान सके हम सामवेद का छन्द पढ़ें, ब्रह्मोपासना सुलभ बने हो अथर्ववेद का पारायण, तो स्वास्थ्य हमारा भला बने जो शिरोभाग […]
Badhai Se Nahi Phulo Man Main
प्रशंसा बड़ाई से नहिं फूलों मन में ध्यान न रहता जो भी खामियाँ, रहती हैं अपने में काम प्रशंसा का जब होए, समझो कृपा प्रभु की याद रहे कि प्रशंसा तो बस, मीठी घूँट जहर की नहीं लगाओ गले बड़ाई, दूर सदा ही भागो होगी श्लाघा बड़े बनोगे, सपने से तुम जागो
Main Kusum Kali Hun Pujan Ki
पूजन में प्रेम मैं कुसुम कली हूँ पूजन की, है अहो भाग्य यह मेरा फूलों की मैं माला बन कर, मैं प्रिय के गले लगूँगी उनका मन आल्हादित करके, मैं धन्य-भाग्य होऊँगी मन-मोहन को रिझा सकूँगी, पुष्पगंध के द्वारा अपना जीवन सफल करूँगी, पा लूँगी सुख सारा गद्गद् तब मैं हो जाऊँगी, अश्रुपात नयनों से […]
Vivek Prapt Hai Manav Ko
विवेक विवेक प्राप्त है मानव को क्या तो अनुचित अथवा कि उचित, यह समझ नहीं पशु पक्षी को जो सदुपयोग करले इसका, उसका तो जीवन सफल हुआ वरना तो पशु से भी निकृष्ट, मानव का जीवन विफल हुआ हम अपने और दूसरों का, कर पायें भला विवेक यही तब तत्वज्ञान में हो परिणित, सर्वज्ञ प्रभु […]