Jab Murali Bajaye Muralidhar
मुरली मोहिनी जब मुरली बजायें मुरलीधर, उसके स्वर में हो मग्न सभी पशु पक्षी सभी सुन कर वंशी, वे कान लगायें उसी ओर मृग पत्नी सहित गौएँ बछड़े, निस्तब्ध चकित होए विभोर अधरामृत मुरली पान करे, स्वर उसमें भरते श्याम जभी सहचरी श्याम की है मुरली, वे नहीं छोड़ते उसे कभी इसने मन मोह लियासब […]
Jiwan Ke Din Bas Char Bache
भक्ति भाव जीवन के दिन बस चार बचे, क्यों व्यर्थ गँवाये जाता है क्यों भक्ति योग का आश्रय ले, कल्याण प्राप्त नहीं करता है अज्ञान तिमिर को दूर करे, भगवान कपिल उपदिष्ट यही माँ देवहूति को प्राप्त वही, जो नहीं सुलभ अन्यत्र कहीं श्रद्धापूर्वक निष्काम भाव से, नित्य कर्म अति उत्तम है प्रतिमा दर्शन,पूजा सेवा, […]
Jo Rahe Badalta Jagat Vahi
परिवर्ती जगत् जो रहे बदलता जगत वही रह सकता इक सा कभी न ये, जो समझे शांति भी मिले यहीं जो चाहे कि यह नहीं बदले, उन लोगों को रोना पड़ता हम नहीं हटेगें कैसे भी, विपदा में निश्चित वह फँसता जो अपने मन में धार लिया,हम डटे रहेंगे उस पर ही वे भूल गये […]
Tulsi Maharani Ko Pranam
तुलसी महिमा तुलसी महारानी को प्रणाम पटरानी ये ही श्री हरि की, जो अद्वितीय लोकाभिराम शालीग्राम के शीश चढ़े वे, हरि अर्चन इनसे ही हो सुख शांति स्वास्थ्य भी दे हमको, जब श्रद्धा से जल सिंचन हो जो भोग लगे नारायण को, तुलसी के बिना नहीं स्वीकारे महिमा अपार तुलसीजी की, माँ भक्ति दान दो, […]
Devopasna Shubhkari
देवोपासना देवोपासना शुभकारी संहिता वेद सब शास्त्र कहे, आराधन सब विधि हितकारी श्रीराम-कृष्ण व महादेव, दुर्गा भैया भी संग में हो भगवान सूर्य, श्रीगणपतिजी, ये पाँच देव पूजा में हों षोडोपचार, पंचोपचार, जैसा भी मन में हो विचार इन देवों की जो पूजा हो, श्रृद्धा की मन हो बहार कर्मों का बन्धन कट जाता, प्रभु […]
Nam Japan Kyon Chod Diya
नाम-जप नाम जपन क्यों छोड़ दिया क्रोध न छोड़ा, झूँठ न छोड़ा, सत्य वचन क्यों छोड़ दिया झूठे जग में जी ललचा कर, असल देश क्यों छोड़ दिया कौड़ी को तो खूब सम्भाला, लाल-रतन क्यों छोड़ दिया जिहि सुमिरन ते अति सुख पावे, सो सुमिरन क्यों छोड़ दिया रे नर इक भगवान भरोसे, तन-मन-धन क्यों […]
Pahchan Le Prabhu Ko
परब्रह्म पहचान ले प्रभु को, घट घट में जो है बसते झूठे सभी है सारे, संसार के जो रिश्ते जड़ हो कि या हो चेतन, सबमें वही तो बसते प्रच्छन्न वे नहीं हैं, फिर भी न हमको दिखते कस्तूरी नाभि में पर, मृग खोजता है वन में सबके वही प्रकाशक, तूँ देख उनको मन में […]
Prabhu Ka Jo Anugrah Hota Hai
भक्त प्रभु का जो अनुग्रह होता है सांसारिकता से निवृत्ति हो, हरि का स्वरूप मन भाता है लीलाओं का वर्णन करते, वाणी गद्गद् हो जाती है तब रोता है या हँसता है, कभी नाचे या तो गाता है जब रूप गुणों में तन्मय हो, चित द्रवित तभी हो जाता है होता है भक्त जो कि, […]
Prabhu Lijyo Mera Pranam
प्रणाम प्रभु लिज्यो मेरा प्रणाम प्रभु लिज्यो मेरा प्रणाम मैं आन पड़ी तेरे पांव प्रभुजी, आन पड़ी हे श्याम सब घर बार प्रभु मैं दीना, तुम्हरे चरण का ध्यान है कीना बिन दरशन कैसे हो जीना, प्रभु जपूँ तिहारो नाम सफल जनम हो जाये मेरा, जो दरशन मैं पाऊँ तेरा औरन से क्या काम प्रभुजी, […]
Badhai Se Nahi Phulo Man Main
प्रशंसा बड़ाई से नहिं फूलों मन में ध्यान न रहता जो भी खामियाँ, रहती हैं अपने में काम प्रशंसा का जब होए, समझो कृपा प्रभु की याद रहे कि प्रशंसा तो बस, मीठी घूँट जहर की नहीं लगाओ गले बड़ाई, दूर सदा ही भागो होगी श्लाघा बड़े बनोगे, सपने से तुम जागो