Prabhu Ki Kaisi Sundar Riti
करुणामय प्रभु प्रभु की कैसी सुन्दर रीति विरुद निभाने के कारण ही पापीजन से प्रीति गई मारने बालकृष्ण को, स्तन पे जहर लगाया उसी पूतना को शुभगति दी, श्लाघनीय फल पाया सुने दुर्वचन शिशुपाल के, द्वेषयुक्त जो मन था लीन किया उसको अपने में, अनुग्रह तभी किया था हरि चरणों में मूर्ख व्याध ने, भूल […]
Prabhu Se Jo Sachcha Prem Kare
हरि-भक्ति प्रभु से जो सच्चा प्रेम करे, भव-सागर को तर जाते हैं हरिकथा कीर्तन भक्ति करे, अर्पण कर दे सर्वस्व उन्हें हम एक-निष्ठ उनके प्रति हों, प्रभु परम मित्र हो जाते हैं लाक्षागृह हो या चीर-हरण, या युद्ध महाभारत का हो पाण्डव ने उनसे प्रेम किया, वे उनका काम बनाते है हो सख्य-भाव उनसे अपना, […]
Baj Rahi Shyam Pag Painjaniyan
बालकृष्ण चरित्र बज रही श्याम-पग-पैंजनियाँ चलना सिखावे अँगुली पकड़ के, स्वर मीठो री रुनझुनियाँ पुलकित मन में नन्द जसोदा, नाच नचाये लाला को ठुमक-ठुमक जब चले कान्ह री, हर्षाये सब के मन को गायें गीत बजायें ताली, गोपी जन तन्मय होए माया जिनकी नाच नचाये, बालनृत्य में वे खोए
Bhagwan Buddha Karuna Avtar
भगवान बुद्ध भगवान् बुद्ध करुणावतार वास्तविक भाव जो वेदों का, हम जीवन जिये उस प्रकार जीवों की हत्या के द्वारा, यज्ञों से पूर्ण कामना हो पाखण्ड, दम्भ इनसे न कभी हित कैसे किसका संभव हो हम आड़ धर्म की लेकर के, भटकाते अपने स्वयं को ही दु:ख का कारण ही तो तृष्णा, हो विरक्ति, शांति […]
Man Main Yah Rup Niwas Kare
युगल स्वरूप मन में यह रूप निवास करे दो गात धरे वह एक तत्व, अनुपम शोभा जो चित्त हरे वृषभानु-सुता देवकी-नन्दन के अंगों का बेजोड़ लास्य मधुरातिमधुर जिनका स्वरूप, अधरों पर उनके मंद हास्य गल स्वर्णहार, बैजंति-माल, आल्हादिनि राधा मनमोहन वृन्दावन में विचरण करते, वे वरदाता अतिशय सोहन निमग्न रास क्रीड़ा में जो, रति कामदेव […]
Muskan Madhur Mohini Chitwan
श्री राधा कृष्ण स्तवन मुस्कान मधुर, मोहिनी चितवन, राधा गोविंद का हो चिन्तन वृषभानु-कुमारी, नँद-नन्दन, मैं चरण वन्दना करता हूँ मुख नयन कमल से खिले हुए, सिर स्वर्ण चन्द्रिका मोर मुकुट केशर-कस्तूरी तिलक भाल, मैं ध्यान उन्हीं का करता हूँ श्री अंगों की शोभा अनूप, नीलाम्बर पीताम्बर पहने फूलों के गजरे रत्न हार, वह रूप […]
Mhara Sohan Sundar Shyam Pyara Bega Aajyo Ji
मथुरा गमन (राजस्थानी) म्हारा सोहन सुन्दर श्याम प्यारा, बेगा आज्यो जी मथुरा नगरी जा कर म्हाने, भूल न ज्याजो जी गोपीजन सब भोली भाली, कपट न जाणे जी चतुर सभी मथुरा की नारी, रींझ न ज्याजो जी बंसी की धुन कान पड्या, घर बार भुला कर जी दौड़ी आई मोहन प्यारा, मिलणें थाँसे जी रोवण […]
Lal Bhaye Nand Lal
होली लाल भये नँदलाल, साँवरो रंग गयो है लाल मुकुट, कटि लाल हैं, लाल गले वनमाल अलकें लाल सुलाल होठ के, दर्शन करें निहाल ढंग यह आज नयो है गोप गोपियाँ सभी लाल हैं, और बज रही ताल ढोल मृदंग झाँझ सब बाजे, नभ में लाल गुलाल अनोखो फाग छयो है गगन लाल अरु घटा […]
Shat Shat Pranam Prabhu Raghav Ko
राघव को प्रणाम शत शत प्रणाम प्रभु राघव को कोई ऊँच नीच का भेद नहीं, सब लोग ही प्रेम करे उनको जो राजपाट को त्याग रहे, चौदह वर्षों तक वन में ही शबरी के जूठे बेर खाय, अरु गले लगाये केवट को वियोग हुआ वैदेही से, कई कष्ट सहे भी तुमने ही जब राक्षस रावण […]
Shri Krishna Chandra Sab Main Chaye
सर्वेश्वर श्रीकृष्ण श्री कृष्णचन्द्र सब में छाये जड़ चेतन प्राणीमात्र तथा कण कण में वही समाये जो महादेव के भक्त करे, गुणगान स्तुति उसमें ये विघ्नेश्वर गणपति रूप धरे, विघ्नों का नाश कर देते हम दुर्गाजी का पाठ करें, होते प्रसन्न उससे भी ये सद्बुद्धि देते सूर्यदेव, उनमें भी प्रकाशित तो ये चाहे पूजें किसी […]