Jinake Prafulla Rajiv Nayan
श्रीराम चरित जिनके प्रफुल्ल राजीव नयन, मर्यादा के जो श्रेष्ठ धाम शोभा सागर श्रीरामचन्द्र, सीतापति को शत-शत प्रणाम बाहु प्रलम्ब प्रभु शक्तिमान, कोमल कर धारे धनुष बान मैं नतमस्तक प्रभु कृपा करो, पादाम्बुज भक्ति करो दान राज्याभिषेक होने वाला, इस समाचार से जो न सुखी वनवास हुआ है सुन करके, उनका मन तनिक न हुआ […]
Jo Paanch Tatva Se Deh Bani
तत्व चिन्तन जो पाँच तत्व से देह बनी, वह नाशवान ऐसा जानो जीना मरना तो साथ लगा, एक तथ्य यही जो पहचानो परमात्मा ही चेतन स्वरूप और जीव अंश उसका ही है सच्चिदानंद दोनों ही तो, निर्गुण वर्णन इसका ही है जैसे की सींप में रजत दिखे, मृगतृष्णा जल होता न सत्य सम्पूर्ण जगत् ही […]
Tulsi Mira Sur Kabir
भक्त कवि तुलसी मीरा सूर कबीर, एक तूणीर में चारों तीर इन तीरों की चोट लगे तब रक्त नहीं, बहे प्रेम की नीर एक तूणीर में चारो तीर, तुलसी मीरा सूर कबीर तुलसीदास हैं राम पुजारी, मीरा के प्रभु गिरधारी सूरदास सूरज सम चमके, सहज दयालु संत कबीर एक तूणीर में चारो तीर, तुलसी मीरा […]
Dushton Ka Sang Na Kabhi Karen
दुष्टों का संग दुष्टों का संग न कभी करें आचार जहाँ हो निंदनीय, मन में वह कलुषित भाव भरें दुष्कर्मी का जहँ संग रहे, सद्गुण की वहाँ न चर्चा हो क्रोधित हो जाता व्यक्ति तभी, विपरीत परिस्थिति पैदा हो होता अभाव सद्बुद्धि का, मानवता वहाँ न टिक पाती अभिशप्त न हो मानव जीवन, अनुकम्पा प्रभु […]
Nayan Main Daro Mati Gulal
होली नयन में डारो मती गुलाल, तिहारे पाँय परत नन्दलाल अंतर होत पिया दरसन में, बिन दरसन बेहाल कनक बेलि वृषभानु-नन्दिनी, प्रीतम स्याम तमाल ऋतु बसंत वृंदावन फूल्यो, नाचत गोपी ग्वाल वेणु बजावे मधुरे गावे, नाना विधि दे ताल ‘रामदास’ प्रभु गिरिधर नागर, पिक रंग सोहे गाल
Patit Pawani Narmade
नर्मदा वंदन पतित पावनि नर्मदे, भव-सिन्धु से माँ तार दे जो यश बखाने आपका, आगम, निगम, सुर, शारदे फोड़कर पाताल, तुम बह्ती धुआँ की धार दे है नाव मेरी भँवर में, अब पुण्य की पतवार दे बज रहे नूपुर छमाछम, ज्यों बँधे हो पाँव में मंद कल-कल गुँजता, स्वर पंथ के हर गाँव में सतपुड़ा […]
Prabhu Ki Apaar Maya
शरणागति प्रभु की अपार माया, जिसने जगत् रचाया सुख दुःख का नजारा, कहीं धूप कहीं छाँया अद्भुत ये सृष्टि जिसको, सब साज से सजाया ऋषि मुनि या देव कोई, अब तक न पार पाया सब ही भटक रहे है, दुस्तर है ऐसी माया मुझको प्रभु बचालो, मैं हूँ शरण में आया
Prabhu Shakti Pradan Karo Aisi
शरणागति प्रभु शक्ति प्रदान करो ऐसी, मन का विकार सब मिट जाये चाहे निंदा हो या तिरस्कार, मुझको कुछ नहीं सता पाये भोजन की चिन्ता नहीं मुझे, जब पक्षी जी भर खाते ही मुझको मानव का जन्म दिया, तो खाने को भी देंगे ही बतलाते हैं कुछ लोग मुझे, अन्यत्र कहीं सुख का मेला देखा […]
Vanshi Vat Jamuna Ke Tat Par
होली वंशी-वट जमुना के तट पर, श्याम राधिका खेले होरी ग्वाल-बाल संग में गिरिधारी, सज आई बृजभानु दुलारी संग लिये ब्रजवाल, खेल रहे होरी पिचकारी भर रंग चलावैं, भर भर मूठ गुलाल उड़ावैं धरा गगन भये लाल, खेल रहे होरी केसर कुंकुम और अरगजा, मलै परस्पर श्याम भानुजा बाढ्यो प्रेम विशाल, खेल रहे होरी लाल […]
Bhagwan Krishna Lilamrut Ka
ब्रह्माजी का भ्रम भगवान् कृष्णलीलामृत का, हम तन्मय होकर पान करें ब्रह्मा तक समझ नहीं पाये, उन सर्वात्मा का ध्यान धरें यमुनाजी का रमणीय-पुलीन, जहाँ ग्वाल बाल भी सँग में हैं मंडलाकार आसीन हुए, भगवान् बीच में शोभित हैं बछड़े चरते थे हरी घास, मंडली मग्न थी भोजन में भगवान कृष्ण की लीला से, ब्रह्मा […]