Aarti Yugal Swaroop Ki

युगल किशोर आरती आरति युगल स्वरूप की कीजै, चरण-सरोज बसा मन लीजै नन्द तनय जसुमति महतारी, मदन गोपाल, गोवर्धन धारी चन्द्रमुखी वृषभानु-किशोरी, सुघड़ सलोनी सूरत न्यारी कमल नयन श्रीकृष्ण कन्हैया, निरख रूप रीझति है मैया गोरांगी राधा चित चोरी, दिव्य रूप पर जाय बलैया मोर-मुकुट कर मुरली सोहे, नटवर वेष देख मन मोहे दामिनि सी […]

Jay Jay Jay Gurudev

गुरुदेव आरती जय जय जय गुरु देव जय गुरुदेव दयालू, भक्तन हितकारी व्यास रुप हे सद्गुरु, जाऊँ बलिहारी हरि हर ब्रह्मा रूपा, मुद मंगलकारी वेद, पुराण, पुकारे, गुरु महिमा भारी काम, क्रोध, मद, मत्सर, लोभ दोष सारे ज्ञान खड्ग के द्वारा, गुरु सबको मारे भव-सागर अति दुर्गम, भँवर पड़े गहरे सद्गुरु नाव केवटिया, क्षण में […]

Antar Mam Vikasit Karo

निवेदन (बंगला) अन्तर मम विकसित करो अन्तरतर हे निर्मल करो, उज्ज्वल करो, सुन्दर करो हे! जाग्रत करो, उद्यत करो, निर्भय करो हे! मंगल करो, निरलस, निःसंशय करो हे! युक्त करो हे सवार संगे, मुक्त करो हे बंध! संचार करो सकल कर्मे, शान्त तोमार छंद! चरण-पद्मे मम चित्त, निष्पंदित करो! मम चित्त, निष्पंदित करो! नंदित करो, […]

Abhilasha Ashumati Man Jagi

यशोदा की लालसा अभिलाषा यशुमति मन जागी, मुसकाया जैसे ही लाला कब तुतला करके मैया कह, ये मुझे पुकारेगा लाला यह आयेगा दिन कब ऐसा, जब आँचल पकड़ेगा लाला हठ कर गोदी में आने को, मचलेगा मेरा यह लाला कब मंगलमय दिन आयेगा, हँस करके बोलेगा लाला

Aaya Sharan Tumhari Prabhu Ji

शरणागति आया शरण तुम्हारी प्रभुजी, रखिये लाज हमारी कनकशिपु ने दिया कष्ट, प्रह्ललाद भक्त को भारी किया दैत्य का अंत तुम्हीं ने, भक्तों के हितकारी ग्रस्त हुआ गजराज ग्राह से, स्तुति करी तुम्हारी आर्तस्तव सुन मुक्त किया, गज को तुमने बनवारी पांचाली की लगा खींचने, जब दुःशासन सारी किया प्रवेश चीर में उसके, होने दी […]

Kanhaiya Pe Tan Man Lutane Chali

समर्पण कन्हैया पे तन मन लुटाने चली भूल गई जीवन के सपने, भूल गई मैं जग की प्रीति, साँझ सवेरे मैं गाती हूँ, कृष्ण-प्रेम के मीठे गीत अब अपने को खुद ही मिटाने चली, कन्हैया पे तन मन लुटाने चली लिखा नहीं है भाग्य में मिलना, पर मैं मिलने जाती हूँ, दुःख के सागर में […]

Kishori Tere Charanan Ki Raj Pau

श्री श्री राधा महात्म्य किशोरी तेरे चरणन की रज पाऊँ बैठि रहौं कुंजन की कोने, श्याम राधिका गाऊँ जो रज शिव सनकादिक लोचन, सो रज शीश चढाऊँ राधा स्वामिनि की छवि निरखूँ, नित्य विमल यश गाऊँ अद्वितीय सौन्दर्य तुम्हारा, मन-मंदिर बिठलाऊँ 

Gayon Ke Hit Ka Rahe Dhyan

गो माता गायों के हित का रहे ध्यान गो-मांस करे जो भी सेवन, निर्लज्ज व्यक्ति पापों की खान गौ माँ की सेवा पुण्य बड़ा, भवनिधि से करदे हमें पार वेदों ने जिनका किया गान, शास्त्र पुराण कहे बार-बार गौ-माता माँ के ही सदृश, वे दु:खी पर हम चुप रहते माँ की सेवा हो तन मन […]

Dhwast Kiya Haygriv Detya

दशावतार ध्वस्त किया हयग्रीव दैत्य और वेदों का भी उद्धार मत्सत्य रूप धार्यो नारायण, जय जगदीश हरे पृथ्वी को जल पर स्थिर की, हिरण्याक्ष को मारा शूकर रूप धर्यो नारायण, जय जगदीश हरे हिरण्यकाशीपु का नाश हुआ, भक्त प्रहलाद की रक्षा की नरसिंह रूप धर्यो नारायण, जय जगदीश हरे अमृत से वंचित हुए असुर देवों […]

Jagat Main Jivan Ke Din Char

नश्वर जीवन जगत में जीवन के दिन चार मिला विवेक प्रभु से हमको, इसका करो विचार फँस मत जाना यहाँ मोह में, सभी कपट व्यवहार किसका तूँ है कौन तुम्हारा, स्वार्थ पूर्ण संसार मानव तन दुर्लभ दुनिया में, कर सेवा उपकार प्रभु से प्रीति लगाले प्यारे, नहीं करें भव-पार