Kaliya Nag Par Nratya Kiya

कालिया नाग का उद्धार कालिया-नाग पर नृत्य किया, साँवरिया का यह अभिनय था यमुना जल विष की गर्मी से, दिन रात खौलता रहता था कालिय-दह में हरि कूद गये, निडर हो उसमें खेल रहे भय से मूर्छित सब ग्वाल-बाल, अपनी पीड़ा को किसे कहें जीवन सर्वस्व गोपियों के, उनको कालिय ने जकड़ लिया फिर तो […]

Ganapati Gaao Re Vigan Nahi Aayega

श्री गणेश स्तुति गणपति गाओ रे, विघन नहीं आयगा सिद्धि सदन सुर-नर-मुनि वंदित, करता भरता रे, विघन नहीं आएगा ब्रह्मा, विष्णु, महेश तुम्हीं हो, संकट हरता रे, विघन नहीं आयगा कोटि सूर्य सम प्रभा तुम्हारी, बुद्धि प्रदाता रे, विघन नहीं आयगा शंकर-सुवन, पार्वती-नंदन, आनँद मनाओ रे, विघन नहीं आयगा जो जन सुमिरन करे तिहारो, भय […]

Chahta Jo Param Sukh Tu

नाम जप चाहता जो परम सुख तूँ, जाप कर हरिनाम का परम पावन परम सुन्दर, परम मंगल धाम का हैं सभी पातक पुराने, घास सूखे के समान भस्म करने को उन्हें, हरि नाम है पावक महान जाप करते जो चतुर नर, सावधानी से सदा वे न बँधते भूलकर, यम-पाश दारुण में कदा साथ मिलकर प्रेम […]

Jag Janani Radhika Ko Pranam

श्री राधा माहात्म्य जगजननी राधिका को प्रणाम सच्चिदानन्द विग्रह जिनका, लीला रस की वे दिव्य धाम जो परमतत्व श्रीकृष्ण उन्हीं की, परम शक्ति हैं श्रीराधा वे शक्तिमान की आत्मा ही, हर लें भक्तों की भव बाधा जो सकल कलाओं की प्रसविनि, सुन्दरता की वे प्रतिमा हैं भगवान कृष्ण के मन को वे मोहित आल्हादित करती […]

Jab Haar Kisi Ke Hath Nahi

समदृष्टि जय हार किसी के हाथ नहीं जब विजय प्राप्त हो अपने को, ले श्रेय स्वयं यह ठीक नहीं हम तो केवल कठपुतली हैं, सब कुछ ही तो प्रभु के वश में है जीत उन्हीं के हाथों में और हार भी उनके हाथों में जब मिलें पराजय अपयश हो, पुरुषार्थ हमारा जाय कहाँ हो हार […]

Jo Nishchal Bhakti Kare

शिव आराधना जो निश्छल भक्ति करे उसको, भोले शम्भू अपना लेते वे धारण करें रजोगुण को, और सृष्टि की रचना करते होकर के युक्त सत्त्वगुण से, वे ही धारण पोषण करते माया त्रिगुणों से परे प्रभु, शुद्ध स्वरूप स्थित होते ब्रह्मा, विष्णु, अरु, रुद्र, रूप, सृष्टि, पालन,लय वहीं करें हैं पूर्ण ब्रह्म प्रभु आशुतोष, अपराध […]

Tum Prem Ke Ho Ghanshyam

प्रेमवश प्रभु तुम प्रेम के हो घनश्याम गोपीजन के ऋणी बने तुम, राधा वल्लभ श्याम शबरी के जूँठे फल खाये, सीतापति श्रीराम लंका राज विभीषण पायो, राम भक्ति परिणाम बंधन मुक्त करे निज जन को, जसुमति बाँधे दाम गाढ़ी प्रीत करी ग्वालन संग, यद्यपि पूरम-काम व्यंजन त्याग साग को भोजन, कियो विदुर के ठाम राजसूय […]

Dulha Ban Aaya Tripurari

शिव विवाह (राजस्थानी) दूल्हा बणआया त्रिपुरारी पारबती की सखियाँ प्यारी, गावे हिलि मिलि गारी भसम रमाय बाघंबर पहर्यो, गल मुण्डमाला धारी हाथ त्रिशूल बजावत डमरू, नंदी की असवारी भूत पिशाच बराती बणग्या, नाचै दै दै तारी सरप करे फुंकार कण्ठ में, डरप रह्या नर नारी सीस जटा बिच गंगा विहरे, भाल चाँद छबि न्यारी निरखत […]

Nand Nandan Bado Natkhati Hai

नटखट कन्हैया नँदनंदन बड़ो नटखटी है मैं दधिमाखन बेचन जाऊँ, पथ रोक ले मेरो धाय के जो नहीं देऊँ मैं माखन तो,वो लूट ले आँख दिखाय के जब भी घर से बाहर जाऊँ, चुपके से घर में आय के तब ग्वाल-बाल को संग में ले, मटको फोड़े दधि खाय के घर की भी सुधि नहीं […]

Nain Bhar Dekhon Nand Kumar

श्रीकृष्ण प्राकट्य नैन भर देखौं नंदकुमार जसुमति कोख चन्द्रमा प्रकट्यो, जो ब्रज को उजियार हरद दूब अक्षत दधि कुमकुम मंडित सब घर द्वार पूरो चौक विविध रंगो से, गाओ मंगलाचार चहुँ वेद-ध्वनि करत मुनि जन, होए हर्ष अपार पुण्य-पुंज परिणाम साँवरो, सकल सिद्धि दातार गोप-वधू आनन्दित निरखै, सुंदरता को सार दास ‘चतुर्भुज’ प्रभु सुख सागर […]