Adhyatmik Jivan Ko Jiye

अध्यात्म चिंतन आध्यात्मिक जीवन को जीये, सुख शांति सुलभ होगी अपार धन दौलत अथवा विषय भोग की, लिप्सा में कोई न सार तृष्णा का अन्त नहीं आता, बेचैन सदा ही मन रहता संपत्ति सुखों के चक्कर में, आशाओं से मन नहिं भरता जहाँ ममता, चाह, अहं न रहे, निस्पृह होकर विचरण करते तब शांति सुलभ […]

Omkara Krati Ganapati Ganesh

श्री गणेश वन्दन ओंकारा-कृति गणपति गणेश, श्रद्धा से हम प्रणिपात करें ये ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र रूप, श्रेयस्कर इनका वरण करें दो कर्ण सूप से, ह्वस्व नयन, तीनों गुण,तीनों काल परें यज्ञों के रक्षक, वक्रतुण्ड, सुर, नर, मुनि, योगी ध्यान धरें विद्या वारिधि प्रभु लम्बोदर, गूँगे को गिरा प्रदान करें गिरि पर चढ़ने को समुचित बल, […]

Kalika Kashta Haro He Maa

माँ दुर्गा की स्तुति कालिका कष्ट हरो हे माँ! नील-मणि के सम कांति तुम्हारी, त्रिपुर सुन्दरी माँ चन्द्र मुकुट माथे पर धारे, शोभा अतुलित माँ किया आपने महिषासुर वध, शुंभ निशुंभ विनाश शक्ति न ऐेसी और किसी में, छाया अति उल्लास ऋषि, मुनि, देव समझ ना पाये, महिमा अपरंपार कौन दूसरा जान सके, माँ विश्व […]

Gangajal Pap Baha Deta

गंगा माहात्म्य गंगा जल पाप बहा देता उसका जो सेवन नित्य करे, वह मन शांति को पा लेता गंगाजी का तो दर्शन भी, मन को निश्चित निर्मल करता जलरूप यही तो वासुदेव, सच्चा सुख जिनसे मिल जाता जिसके मन में यह भाव जगे, संभव नित गंगा-स्नान करे गंगा का सेवन सुमिरन हो, पातक उसके नितांत […]

Chalo Ri Sakhi Nand Bhawan Ko Jayen

प्रभाती चलोरी सखि, नन्द भवन को जायें मिले श्याम सुन्दर का दर्शन, जीवन की निधि पायें प्रातः काल भयो सखि माँ लाला को रही जगाये उबटन लगा लाल को मैया, अब उसको नहलाये स्नेह भाव जसुमति के मन में, नवनीत उसे खिलाये केश सँवार नयन में काजल, माथे तिलक लगाये रेशम को जामा पहनाकर, स्नेह […]

Jag Uthe Bhagya Bharat Ke

श्री राधा प्राकट्य जग उठे भाग्य भारत के, परम आनन्द है छाया श्याम की प्रियतमा राधा, प्रकट का काल शुभ आया बज उठीं देव-दुन्दुभियाँ, गान करने लगे किन्नर सुर लगे पुष्प बरसाने, अमित आनन्द उर में भर चले सब ग्वाल नर नारी, वृद्ध बालक सुसज्जित हो सभी मन में प्रफुल्लित हो, देवियाँ देव हर्षित हो […]

Jay Bhuwaneshwari Jay Narayani

देवी स्तवन जय भुवनेश्वरि जय नारायणि संतति की रक्षा करती हो अज्ञान, अहं को हरती हो, सुख वैभव हमको देती हो जैसे प्रभात की सूर्य किरण, वैसी श्री अंगों की शोभा मुसकान अधर पर छाई है, रत्नाभूषण की अमित प्रभा आये जो शरण दीन पीड़ित उसकी रक्षा माँ ही करती हे सनातनी हे कात्यायिनि, सेवक […]

Jo Dhanush Ban Dhare

श्रीराम स्तवन जो धनुष-बाण धारे, कटि पीत वस्त्र पहने वे कमल-नयन राघव, सर्वस्व हैं हमारे वामांग में प्रभु के, माँ जानकी बिराजै नीरद सी जिनकी आभा, आया शरण तुम्हारे रघुनाथ के चरित का, कोई न पार पाये यश-गान होता जिनका, रघुनाथ पाप हारी शिव-धनुष जिसने तोड़ा, मिथिला से नाता जोड़ा असुरों के जो विनाशक, रक्षा […]

Teertha Mahan Prayag Hamare Klesh Bhagaye

प्रयाग माहात्म्य तीर्थ महान् प्रयाग हमारे क्लेश भगाये स्नान करें त्रिवेणी जल में दुःख मिटाये गंग श्वेत जल मिले श्याम जल यमुनाजी में सरस्वती भी आन मिले अदृश्य इन्हीं में योग बिना ही सिद्धि मिले, सेवें प्रयाग को दर्शन और प्रणाम करें, हम तीर्थ-राज को  

Din Dukhi Bhai Bahano Ki Seva Kar Lo Man Se

जनसेवा दीन दुःखी भाई बहनों की सेवा कर लो मन से प्रत्युपकार कभी मत चाहो, आशा करो न उनसे गुप्त रूप से सेवा उत्तम, प्रकट न हो उपकार बनो कृतज्ञ उसी के जिसने, सेवा की स्वीकार अपना परिचय उसे न देना, सेवा जिसकी होए सेवा हो कर्तव्य समझ कर, फ लासक्ति नहीं होए परहित कर्म […]