Maine Dekha Yashoda Tera Lal Dekha Dekha

मोहन की मोहिनी मैंने देखा यशोदा तेरा लाल, देखा देखा कस्तूरी का तिलक बिराजे, उर पचरंगी माल मोर मुकुट तो सिर पर सोहे, घुँघर वाले बाल पीताम्बर को कटि में धारे, काँधे कारी शाल कानों में तो कुण्डल सोहे, और लालिमा गाल चरणों में नूपुर छमकाये, चले लटकनी चाल यमुना-तट पे रास रचाये, नाचे दे […]

Radha Mul Shakti Avatar

शक्ति रुपिणी राधा राधा मूल-शक्ति अवतार प्रेम वही, पुरषार्थ वही है, वही सृष्टि-विस्तार परम ज्योति उतरी बरसाना, महिमा अपरम्पार सेवाधाम बना वृन्दावन, लीला मधुर अपार सरल-सरस जीवन अति प्रमुदित, कैसा मृदु-व्यवहार राधा-प्रेरित कान्हा द्वारा, हुआ जगत् उद्धार 

Vrandavan Ki Mahima Apaar

वृन्दावन महिमा वृन्दावन की महिमा अपार, ऋषि मुनि देव सब गाते हैं यहाँ फल फूलों से लदे वृक्ष, है विपुल वनस्पति और घास यह गोप गोपियों गौओं का प्यारा नैसर्गिक सुख निवास अपने मुख से श्रीकृष्ण यहाँ, बंशी में भरते मीठा स्वर तो देव देवियाँ नर नारी, आलाप सुनें तन्मय होकर सब गोपीजन को संग […]

Shyam Main Kaise Darshan Paun

दर्शन की चाह श्याम! मैं कैसे दर्शन पाऊँ दर्शन की उत्कट अभिलाषा और कहीं ना जाऊँ पूजा-विधि भलीभाँति न जानूँ कैसे तुम्हें रिझाऊँ माखन मिश्री का मैं प्रतिदिन, क्या मैं भोग लगाऊँ गोपीजन-सा भाव न मुझमें, कैसे प्रीति बढ़ाऊँ श्री राधा से प्रीति अनूठी, उनके गीत सुनाऊँ तुम्हीं श्याम बतलाओ मुझको, क्या मैं भेंट चढ़ाऊँ […]

Shri Vrindavan Bhakti Ka

श्री वृन्दावन महिमा श्रीवृन्दावन भक्ति का, अनुपम रसमय धाम महिमा अपरम्पार है, कण कण राधे श्याम वृन्दावन अनुराग का, केन्द्र श्रेष्ठ सुख-वास यमुनाजी के पुलिन पर, श्याम रचाये रास नाम, धाम, लीला सभी, श्रीहरि के ही रूप ब्रज चौरासी कोस में, वृन्दा-विपिन अनूप श्रीवृन्दावन कुंज में, विहरें श्यामा श्याम क्रीड़ा नित नूतन करें, सुखद रूप […]

Sab Se Bada Dharma Ka Bal Hai

धर्म निष्ठा सबसे बड़ा धर्म का बल है वह पूजनीय जिसको यह बल, जीवन उसका ही सार्थक है ऐश्वर्य, बुद्धि, विद्या, धन का, बल होता प्रायः लोगों को चाहे शक्तिमान या सुन्दर हो, होता है अहंकार उसको इन सबसे श्रेष्ठ धर्म का बल, भवसागर से जो पार करे जिस ओर रहे भगवान् कृष्ण, निश्चय ही […]

Jay Jay Bal Krishna

कृष्ण आरती जय जय बालकृष्ण शुभकारी, मंगलमय प्रभु की छबि न्यारी रत्न दीप कंचन की थारी, आरति करें सकल नर-नारी नन्दकुमार यशोदानन्दन, दुष्ट-दलन, गो-द्विज हितकारी परब्रह्म गोकुल में प्रकटे, लीला हित हरि नर-तनु धारी नव-जलधर सम श्यामल सुन्दर, घुटुरन चाल अमित मनहारी पीत झगा उर मौक्तिक-माला, केशर तिलक दरश प्रियकारी दंतुलिया दाड़िम सी दमके, मृदुल […]

Aarti Kalindi Maiya

यमुना आरती आरती कालिंदी मैया की, कृष्ण-प्रिया श्री जमुनाजी की जय श्यामा शुभदायिनी जय जय, मन वांछित फलदायिनि जय जय जय ब्रज-मण्डल-वासिनि जय जय, सरिता पाप-विनाशिनि जय जय जय कलि-कलुष-नसावनि जय जय, मंगलमय माँ पावनी, जय जय जय गोलोक-प्रदायिनि जय जय, जय मधु गन्ध-विलासिनि जय जय

Purte Nikasi Raghuvir Vadhu

वन में सीता राम पुरतें निकसी रघुवीर वधू धरि धीर दए मग में डग द्वै झलकीं भरि भाल कनीं जल कीं, पुट सूखि गए मधुराधर वै फिरि बूझति है, चलनो अब केतिक पर्ण कुटी करिहौ कित ह्वै तिय की लखि आतुरता पिय की अखियाँ अति चारु चलीं जल च्वै

Ab Nithurai Tajo Brajrani

बालकृष्ण बंधन अब निठुराई तजो ब्रजरानी ऐसो लाल बाँधवे लायक, द्युति आनन कुम्हलानी भाग बड़े विधि दयो एक सुत, पूजत शंभु-भवानी ताको उदर दाम ते बाँध्यो, करुणा कितै गँवानी नित नवनीत खात हरि हमरो, गोपीन की मनभानी मात जसोदा जरा न मानी, गोप-वधुन की बानी बाँध दियो जब बाल-कृष्ण को, फिर मन में पछतानी