Shabri Sagun Manawat Hai
शबरी की प्रीति शबरी सगुन मनावत है, मेरे घर आवेंगे राम बीज बीन फल लाई शबरी, दोना न्यारे न्यारे आरति सजा प्रार्थना कीन्ही, छिन मंदिर छिन द्वारे ऋषि के वचन सुनत मनमाहीं, हर्ष न ह्रदय समाई घर को काम सकल तज दीन्हों, गुन रघुपति के गाई अनुज सहित प्रभु दरसन दीन्हों, परी चरन लपटाई ‘तुलसीदास’ […]
Koshalpur Me Bajat Badhai
श्री राम जन्म कौशलपुर में बजत बधाई सुंदर सुत जायो कौशल्या, प्रगट भये रघुराई जात कर्म दशरथ नृप कीनो, अगणित धेनु दिवाई गज तुरंग कंचन मणि भूषण, दीन्हे मन हरषाई देत असीस सकल नरनारी, चिरजियो सतभाई ‘तुलसिदास’ आस पूरन भई, रघुकुल प्रकटे आई
Bhaye Prakat Krapala Din Dayala
श्री राम जन्म भए प्रकट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी हरषित महतारी मुनि मन हारी, अद्भुत रूप विचारी लोचन अभिरामा तनु घनश्यामा, निज आयुध भुज चारी भूषन वनमाला नयन विशाला, सोभा सिंधु खरारी कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी, केहि बिधि करौं अनंता माया गुन ज्ञानातीत अमाना, वेद पुरान भनंता करुना-सुख-सागर सब गुन आगर, जेहि गावहिं […]
Shri Guru Charan Saroj Raj – Hanuman Chalisa
हनुमान चालीसा दोहा – श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेस विकार चौपाई – जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर राम दूत अतुलित बल धामा, अंजनि पुत्र पवन सुत […]
Gaiye Ganpati Jag Vandan
श्री गणेश वन्दना गाइये गणपति जगवन्दन, शंकर–सुवन, भवानी-नन्दन सिद्धि सदन गज-वदन विनायक, कृपा सिन्धु सुन्दर सब लायक मोदक-प्रिय, मुद मंगलदाता, विद्या-वारिधि, बुद्धि-विधाता माँगत ‘तुलसिदास’ कर जोरे, बसहिं रामसिय मानस मोरे
Bhaj Man Ram Charan Sukh Dai
भज मन राम-चरण सुखदाई जिहि चरनन ते निकसी सुर-सरि, शंकर-जटा समाई जटा शंकरी नाम पर्यो है, त्रिभुवन तारन आई जिन चरनन की चरन-पादुका, भरत रह्यो लवलाई सोई चरन केवट धोइ लीन्हे, तब हरि नाव चढ़ाई सोई चरन संतन जन सेवत, सदा रहत सुखदाई सोई चरन गौतम ऋषि-नारी, परसि परम पद पाई दंडक वन प्रभु पावन […]
Shri Ram Chandra Krapalu Bhaj Man
श्री राम स्तुति श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन, हरण भवभय दारुणम् नवकंज-लोचन कंज-मुख कर-कंज पद-कंजारुणम् कंदर्प अगणित अमित छबि, नव नील-नीरद-सुंदररम पट-पीत मानहुँ तड़ित रूचि शुचि नौमि जनक-सुतावरम् भजु दीन-बंधु दिनेश दानव, दैत्य-वंश निकंदनम् रघुनंद आनंदकंद कौशलचंद दशरथ-नंदनम् सिर मुकुट, कुण्डल तिलक चारु उदारु अंग विभूषणम् आजानु भुज, शर-चाप-धरि, संग्राम-जित-खरदूषणम् इति वदति ‘तुलसीदास’ शंकर-शेष-मुनि-मन रंजनम् […]
Gopal Gokul Vallabhi
श्री कृष्ण वन्दना गोपाल गोकुल बल्लभी प्रिय गोपगोसुत बल्लभं चरनारबिंदमहं भजे भजनीय सुर मुनि दुर्लभं घनश्याम काम अनेक छबि, लोकाभिराम मनोहरं किंजल्क-वसन, किसोर मूरति, भूरि गुन करुनाकरं सिर केकि-पच्छ बिलोल कुंडल, अरुन बनरुह लोचनं गुंजावतंस विचित्र सब अँग धातु, भव-भय मोचनं कच-कुटिल, सुंदर तिलक भ्रू, राका मयंक समाननं अपहरन ‘तुलसीदास’ त्रास विहार वृंदा काननं
Bharat Bhai Kapi Se Urin Ham Nahi
कृतज्ञता भरत भाई कपि से उऋण हम नाहीं सौ योजन मर्याद सिन्धु की, लाँघि गयो क्षण माँही लंका-जारि सिया सुधि लायो, गर्व नहीं मन माँही शक्तिबाण लग्यो लछमन के, शोर भयो दल माँही द्रोणगिरि पर्वत ले आयो, भोर होन नहीं पाई अहिरावण की भुजा उखारी, पैठि गयो मठ माँही जो भैया, हनुमत नहीं होते, को […]
Subhag Sej Sobhit Kosilya
कौशल्या का स्नहे सुभग सेज सोभित कौसिल्या, रुचिर राम-सिसु गोद लिये बार-बार बिधुबदन बिलोकति लोचन चारू चकोर किये कबहुँ पौढ़ि पयपान करावति, कबहूँ राखति लाइ हिये बालकेलि गावति हलरावति, पुलकित प्रेम-पियूष पिये बिधि-महेस, मुनि-सुर सिहात सब, देखत अंबुद ओट दिये ‘तुलसिदास’ ऐसो सुख रघुपति पै, काहू तो पायो न बिये