Nath Kaise Bali Ghar Yachan Aaye
वामन अवतार नाथ कैसे बलि घर याचन आये बलिराजा रणधीर महाबल, इन्द्रादिक भय खाये तीन लोक उनके वश आये, निर्भय राज चलाये वामन रूप धरा श्री हरि ने, बलि के यज्ञ सिधाये तीन चरण पृथ्वी दो राजन! कुटिया चाहूँ बनायें बलि ने दान दिया जैसे ही तत्क्षण रूप बढ़ाये तीन लोक में पैर पसारे, बलि […]
Nath Ne Narsingh Rup Banaya
नरसिंह अवतार नाथ ने नरसिंह रूप बनाया, भक्त प्रहृलाद बचाया खम्भ फाड़ कर प्रगट भये हरि, सब को ही भरमाया आधा रूप लिया है नर का, आधा सिंह धराया हिरणाकशिपु को पकड़ धरा पर, नख से फाड़ गिराया गर्जन सुनकर ब्रह्माजी अरु सभी देवता आया हाथ जोड़ सब स्तुति करके, शांत स्वरूप कराया घट घट […]
Muraliya Mat Baje Ab Aur
मुरली का जादू मुरलिया! मत बाजै अब और हर्यौ सील-कुल-मान करी बदनाम मोय सब ठौर रह्यो न मोपै जाय सुनूँ जब तेरी मधुरी तान उमगै हियौ, नैन झरि लागै, भाजन चाहैं प्रान कुटिल कान्ह धरि तोय अधर पर, राधा राधा टेरे रहै न मेरौ मन तब बस में, गिनै न साँझ सवेरे
Nam Liya Prabhu Ka Jisane
सदुपदेश नाम लिया प्रभु का जिसने चाहे साधन और किया न किया जड़ चेतन जग में भी जितने, घट में सम इनको जान सदा परमारथ का नित कार्य किया, चाहे दान किसी को दिया न दिया जिसके घर में हरि चर्चा हो, दिन रात छोड़ दुनियादारी सत्संग कथामृत पान किया, चाहे तीर्थ का नीर पिया […]
Radha Ju Mo Pe Aaj Dharo
श्री राधाजी की कृपा राधाजू! मो पै आजु ढरौ निज, निज प्रीतम की पद-रज-रति, मोय प्रदान करौ विषम विषय रस की सब आशा, ममता तुरत हरौ भुक्ति मुक्ति की सकल कामना, सत्वर नास करौ निज चाकर चाकर की सेवा मोहि प्रदान करौ राखौ सदा निकुंज निभृत में, झाड़ूदार बरौ
Pahchan Le Prabhu Ko
हरि स्मरण पहचान ले प्रभु को, घट-घट में वास जिनका तू याद कर ले उनको, कण कण में भी वही है जिसने तुझे बनाया, संसार है दिखाया चौदह भुवन में सत्ता, उनकी समा रही है विषयों की छोड़ आशा, सब व्यर्थ का तमाशा दिन चार का दिलासा, माया फँसा रही है दुनियाँ से दिल हटा […]
Radha Ghar Kanan Main Radha
जीवन सर्वस्व राधा राधा घर, कानन में राधा, राधा नित यमुना के तीर राधा मोद, प्रमोद राधिका, राधा बहै नयन बन नीर राधा प्राण बुद्धि सब राधा, राधा नयनों की तारा राधा ही तन मन में छाई, प्रेमानंद सुधा धारा राधा भजन, ध्यान राधा ही, जप तप यज्ञ सभी राधा राधा सदा स्वामिनी मेरी, परमाराध्या […]
Prabhu Tera Paar Na Paya
शरणागत प्रभु तेरा पार न पाया तूँ सर्वज्ञ चराचर सब में, तू चैतन्य समाया प्राणी-मात्र के तन में किस विधि, तू ही तो है छाया जीव कहाँ से आये जाये, कोई समझ न पाया सूर्य चन्द्रमा तारे सब में, ज्योति रूप चमकाया यह सृष्टि कैसी विचित्र है, उसमें मैं भरमाया ‘ब्रह्मानंद’ शरण में तेरी, छोड़ […]
Vando Shri Radha Charan
युगल स्वरूप झाँकी वन्दौं श्री राधाचरन, पावन परम उदार भय विषाद अज्ञानहर, प्रेम भक्ति दातार रास-बिहारिनि राधिका, रासेश्वर नँद-लाल ठाढ़े सुंदरतम परम, मंडल रास रसाल मधुर अधर मुरली धरे, ठाढ़े स्याम त्रिभंग राधा उर उमग्यौ सु-रस रोमांचित अँग-अंग विश्वविमोहिनी श्याम की, मनमोहिनि रसधाम श्याम चित्त उन्मादिनी, राधा नित्य ललाम परम प्रेम-आनंदमय, दिव्य जुगल रस-रूप कालिंदी-तट […]
Priti Ki Rit Na Jane Sakhi
प्रीति की रीति प्रीति की रीत न जाने सखी, वह नन्द को नन्दन साँवरिया वो गायें चराये यमुना तट, और मुरली मधुर बजावत है सखियों के संग में केलि करे, दधि लूटत री वह नटवरिया संग लेकर के वह ग्वाल बाल, मग रोकत है ब्रज नारिन को तन से चुनरी-पट को झटके, सिर से पटके […]