रामचन्द्र आरती
श्री राम हरे ॐ जय रघुवीर हरे
आरती करूँ तुम्हारी, संकट सकल टरे
कौशल्या-सुखवर्धन, नृप दशरथ के प्रान
श्री वैदेही-वल्लभ, भक्तों की प्रभु आन —-ॐ जय …
सत्-चित्-आनन्द रूपा, मनुज रूप धारी
शिव, ब्रह्मा, सुर वन्दित, महिमा अति भारी —-ॐ जय …
श्रीविग्रह की आभा, नव नीरद सम श्याम —-
सुभग सरोरुह लोचन, चितवन सौम्य ललाम —-ॐ जय …
कोटि मदन को लाजत, ॠषि-मुनि मन मोहे
पीताम्बर कटि राजत, रविकर द्युति सोहे —-ॐ जय …
रत्न हार गल शोभित, कुण्डल रुचिकारी —-
राजपाट सुख त्यागे, धनुष बाण धारी —-ॐ जय …
गौतम-नारि अहिल्या, शबरी को तारी —-
शिव धनु भंजत हरषे, मिथिला नर नारी —-ॐ जय …
रावणादि निशिचरगण, संहारे रघुवीर
मर्यादा पुरुषोत्तम, हरो हृदय की पीर —-ॐ जय …